OMG : व्हेल मछली की उल्टी बेच कमाना चाहते थे करोड़ों

OMG : व्हेल मछली की उल्टी बेच कमाना चाहते थे करोड़ों

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-03 16:19 GMT
OMG : व्हेल मछली की उल्टी बेच कमाना चाहते थे करोड़ों

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उल्टी शब्द सुनते ही लोगों का मन खराब हो जाता है। लेकिन क्या उल्टी की कीमत लाखों में हो सकती है। सुनने में अजीब लगता है लेकिन ठाणे पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो व्हेल मछली की उल्टी बेंचकर लाखों रुपए कमाने की कोशिश कर रहा था। दरअसल इसका इस्तेमाल इत्र में होता है इसीलिए यह काफी मंहगी बिकती है। बरामद वस्तु (एंबरग्रीस) की कीमत 20 करोड़ रुपए बताई जा रही है। 

गिरोह के पास से पुलिस ने पेंगोलिन (जंगली छिपकली) की खाल भी बरामद की की है। डीसीपी दीपक देवराज ने बताया कि ठाणे अपराध शाखा यूनिट एक में तैनात एपीआई संदीप बागुल को आरोपियों के बारे में गुप्त सूचना मिली। इसके बाद सीनियर इंस्पेक्टर नितिन ठाकरे की अगुआई में जाल बिछाकर तीन आरोपियों को कलवा के खारेगांव इलाके से काशीनाथ पवार (50), दिलीप बिर्जे(49) और ज्ञानेश्वर मोरे(40) नाम के तीन आरोपियों को पकड़ा। तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से बैग में कपड़े में लपेटी गई पत्थर जैसी चीज नजर आई। इस आयताकार चीज का वजन करीब 11 किलो था। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि यह व्हेल मछली की उल्टी है जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए है। 

इत्र बनाने में होता है इस्तेमाल

सीनियर इंस्पेक्ट नितिन ठाकरे ने बताया कि इत्र बनाने वाली कंपनियों में इस वस्तु की भारी मांग होती है। साथ ही इसका इस्तेमाल शराब की महक बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। यह सिर्फ स्पर्म ह्लेल में पाया जाता है। डीसीपी देवराज के मुताबिक व्हेल मछली की अतड़ियों में रहने वाला मोम जैसा तरल पदार्थ मछली द्वारा उल्टी करने पर  बाहर निकलता है और पानी में तैरते हुए किनारे पर लग जाता है और सूखने पर कठोर हो जाता है। यह पदार्थ सुगन्धित होता है और महंगे इत्र, स्प्रे, दवाओं, सुगन्धित तेल, लुब्रिकेंट्स बनाने में इस्तेमाल होता है। 

देवराज के अनुसार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी बहुत मांग है और ऊंची कीमत मिलती है। पकड़े गए मछुआरे बिर्जे को उक्त पदार्थ गुहागर समुद्री किनारे से मिली थी और उसने उसे काशीनाथ पवार और ज्ञानेश्वर मोरे को दिखाया। बाद में इन लोगो ने उसकी जांच कराई तो उसके व्हेल मछली की अतड़ियों से निकला पदार्थ होने की जानकारी मिली और उन्हें पता चला कि इसकी उंची कीमत मिलती है। इसके बाद उन्होंने उसे बेचने की कोशिश की और लेकिन उसके पहले पुलिस के जाल में फंस गए। पुलिस को संदेह है कि इनका संपर्क किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह से है और उसी को जब्त माल की बिक्री करने वाले थे। 

आरोपियों के पास से दुर्लभ मानी जाने वाली पेंगोलिन की खाल भी मिली। जिसका कुल वजन छह किलो और कीमत 20 लाख रुपए है। पेंगोलिन की खाल का इस्तेमाल दवाएं बनाने के लिए किया जाता है। आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। 
 

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