हज यात्रा-2020 : महाराष्ट्र से घटी हज यात्रियों की संख्या, ऑनलाइन प्रोसेस में कई के फार्म पेंडिंग

हज यात्रा-2020 : महाराष्ट्र से घटी हज यात्रियों की संख्या, ऑनलाइन प्रोसेस में कई के फार्म पेंडिंग

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-24 06:11 GMT
हज यात्रा-2020 : महाराष्ट्र से घटी हज यात्रियों की संख्या, ऑनलाइन प्रोसेस में कई के फार्म पेंडिंग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हज यात्रा-2020 की तैयारी जोर पर शुरू है। इसका पहला पड़ाव लोगों से हज पर जाने के लिए आवेदन करने का काम सफल तरीके से समाप्त हुआ। इस साल हज पर जाने के लिए महाराष्ट्र से 28,500 लोगों ने आवेदन किया। पूरे भारत से आवेदन करने वालों की संख्या 212,000 रही है। हज 2020 का काम पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया है। इसके तहत इस साल हज आवेदन भी 100 प्रतिशत ऑनलाइन बुलाया गया।

दुनिया भर में भारत ऐसा मुल्क है, जहां पर हज का काम पूरी तरीके से ऑनलाइन कर दिया गया है। हज को पूरी तरह डिजिटल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर कर इस बार भारत से हज पर जाने का कोटा बढ़ाकर 2 लाख कर दिया है। भारत हज पर सबसे ज्यादा हाजी भेजनेवाला दुनिया का दूसरे नंबर का देश बन गया है। यह जानकारी अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने दी है।

27 महिलाओं का समूह 
 महाराष्ट्र से जिन 28,500 लोगों ने हज पर जाने के लिए आवेदन किया है उनमें ऐसे 1463 हाजी है, जो रिजर्व कैटेगरी में आते है, जिनकी आयु 70 साल से ज्यादा है और सरकारी नियमानुसार यह आवेदक बिना प्रतीक्षा डायरेक्ट हज  पर जाएंगे। इसी प्रकार से वह महिला जिनकी उम्र 45 साल से ऊपर है और 4 महिलाओं का समूह बनाकर हज यात्रा करना चाहती है और उनको हज यात्रा पर जाने की अनुमति मोदी सरकार ने 2018 हज से दी है, उनकी संख्या महाराष्ट्र से 27 है और देश भर 188 है। वह भी डायरेक्ट बिना प्रतीक्षा सूची के यात्रा पर जाएगी।

28,500 आवेदन मिले 
सिद्दीकी ने बताया कि 2019 में महाराष्ट्र से 35 हजार लोगों ने महाराष्ट्र से हज पर जाने के लिए आवेदन किया था। जो इस साल घट कर 28,500 हो गया है। इस प्रकार पूरे देश से इस साल 212,000 लोगों ने आवेदन है जो पिछले साल के मुकाबले 70 हजार कम है। जमाल सिद्दिकी ने बताया कि महाराष्ट्र से जिन 28,500 लोगों ने आवेदन किया है। उनमें 1469 लोग ऐसे हैं जिन्होंने आवेदन के साथ डाक्युमेट नहीं अपलोड किया। उनका आवेदन पेंडिंग में है।  इस साल ऑनलाइन फार्म भरना अनिवार्य कर दिया गया था।

फार्म के डाक्यूमेट भी स्कैन कर अपलोड करने होते थे। डाक्यूमेंट के फाइल का साइज 28 केबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इस से बड़ी फाईल रही तो डाक्यूमेंट अपलोड नहीं होता था। जब सामान्य आदमी जब डाक्यूमेंट स्कैन करता था। मोबाइल से फोटो भी निकालता था तो वह फइल कम से कम 150 केबी की होती थी और सामान्य आदमी फाइल को छोटा कर 28 केबी के अंदर नहीं ला पाता था। इस साल हज कमेटी के तरफ से शुरू किए ऑनलाइन फार्म की सुविधा और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सामान्य आदमी फार्म नहीं भर पाया। यही वजह है कि हज आवेदन में भारी तादाद में कमी आई है।


 

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