अब कामगार बेच सकेगा अपनी पेंशन, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

अब कामगार बेच सकेगा अपनी पेंशन, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-08 07:09 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। संगठित क्षेत्र से जुड़ा कामगार अब अपनी पेंशन का एक तिहाई हिस्सा बेच सकता है। केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए 10 साल से बंद पड़ी प्रक्रिया पुन: शुरू कर दी है। नए साल से यह प्रक्रिया लागू हो गई है।

10 साल से बंद थी प्रक्रिया 
निजी क्षेत्र में काम करनेवाले कामगारों का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में खाता होता है। कामगार के मूल वेतन से 12 फीसदी राशि व इतनी ही राशि नियोक्ता ईपीएफआे में जमा करता है। नियोक्ता द्वारा जमा की गई राशि का तय हिस्सा पेंशन फंड में जमा होता है। सेवानिवृत्ति के बाद कामगार को पेंशन मिलती है और कामगार एक तिहाई पेंशन बेच सकता था। करीब 10 साल से पेंशन बेचने की प्रक्रिया बंद पड़ी थी। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर एक तिहाई पेंशन बेचने की प्रक्रिया पुन: शुरू कर दी है। नए साल से यह नियम लागू हो गया है। अब कामगार चाहे तो एक तिहाई पेंशन बेच सकता है। निजी क्षेत्र में कामगार करनेवाले 19 लाख पेंशनरों का खाता ईपीएफआे में है। नागपुर विभाग (छह जिले) में 1 लाख 34 हजार पेंशनर हैं, जिनके खाते ईपीएफओ में हैं। 

100 रुपए पर  मिलते हैं 10 हजार 
कामगार अगर 100 रुपए पेंशन बेचता है, तो उसे 10 हजार रुपए एकमुश्त मिल जाते हैं। जितनी पेंशन बनेगी, उसका एक तिहाई हिस्सा ही बेचने का नियम है। पेंशन बेचने का करार 20 साल तक ही रहता है। 20 साल बाद बेची हुई पेंशन पुन: पेंशनर को मिलने लगती है। 

बंद पड़ी प्रक्रिया अब शुरू 
कामगार अब अपनी एक तिहाई पेंशन बेच सकेगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। नए साल से यह नियम लागू हो गया है। करीब 10 साल से यह प्रक्रिया बंद पड़ी थी। एक तिहाई से ज्यादा पेंशन नहीं बेची जा सकती। बेची हुई पेंशन 20 साल बाद पुन: पेंशनर को मिलना शुरू हाे जाती है।  -विकास कुमार, क्षेत्रीय आयुक्त, ईपीएफओ नागपुर

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