किसानों की उपज को समर्थन मूल्य नहीं देने वालों को होगी जेल, कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे किसान
किसानों की उपज को समर्थन मूल्य नहीं देने वालों को होगी जेल, कहीं भी अपनी उपज बेच सकेंगे किसान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र या राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर किसानों से उपज खरीदने पर एक साल की कैद और 50 हजार जुर्माना भरना पड़ सकता है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। दावा किया जा रहा है कि नए कानून के चलते व्यापारियों और बिचौलियों की मनमानी पर रोक लगेगी। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी करने के बाद कई व्यापारी आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों से कम कीमत पर उपज खरीद लेते हैं। इसके चलते कड़ी मेहनत कर फसल पैदा करने वाले किसानों का नुकसान होता है।
लागत मूल्य भी न मिलने के चलते किसान कर्ज में डूब जाते हैं। कर्ज के बोझ के चले दबकर हजारों किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसानों को इस तरह के कदम उठाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने किसानों को संरक्षण देने वाला कानून बनाया गया था। राज्य के विपणन विभाग ने महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न (विकास व विनिमय 1963) कानून में संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
अपनी उपज कहीं भी बेच सकेंगे किसान
मौजूदा कानून में बाजार समिति में कृषि उपज की खरीद बिक्री आसान बनाने, बुनियादी ढांचा बनाने और बिचौलियों पर लगाम लगाने को लेकर स्पष्टता नहीं थी जिसमें अब सुधार किया जाएगा। विपणन विभाग के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि कानून में बदलाव का फायदा किसानों को होगा। बता दें कि कानून में बदलाव के बाद अब पूरे राज्य को एकीकृत बाजार क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसके बाद राज्य के किसानों की उपज किसी भी बाजार समिति से जुड़े व्यापारी को खरीदने की छूट होगी। जिन बड़ी बाजार समितियों में देशभर का माल खरीदा बेचा जाता है उनमें बदलाव कर उसे राष्ट्रीय बाजार का दर्जा दिया जाएगा।
किसान मेले में करेंगे मार्गदर्शन
कृषि सहायक, कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र में उपयोग में लाई जाने वाली तकनीक के बारे में जानकारी देने के लिए 25 अगस्त को किसान मेला आयोजित किया जाएगा। सरकार के अनुसार डॉ. विखे पाटील द्वारा किसानों के लिए किए गए कार्यों की याद में प्रदेश के सभी किसानों के सम्मान के रूप में नारली पूर्णिमा के मौके पर किसान दिवस का आयोजन किया जाएगा।