अब PHD एडमिशन एग्जाम साल में दो बार
अब PHD एडमिशन एग्जाम साल में दो बार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी पहली बार एक वर्ष के भीतर दो बार पीएचडी एडमिशन एग्जाम लेने जा रहा है। यह विशेष कर एम. फिल में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए ली जाएगी। संभव है कि इसी के साथ यूनिवर्सिटी पेट-2 परीक्षा लेकर पीएचडी अभ्यर्थियों को सौगात दे, लेकिन अभी तक यूनिवर्सिटी ने इस पर विस्तृत तैयारी नहीं की है। इस वर्ष की दूसरी पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पेट) अगस्त में लेगा। यूनिवर्सिटी ने 27-29 दिसंबर 2018 को पेट 1 और 13 जनवरी 2019 को पेट-2 ली थी।
250 अभ्यर्थियों को मिलेगी अनुमति
यूनिवर्सिटी प्र-कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने बताया कि एम. फिल प्रवेश प्रक्रिया अभी शुरू होने में वक्त है। ऐसे में अगस्त तक पेट परीक्षा ली जाएगी। अभी पिछली पेट परीक्षा की रिसर्च रिकगनेशन कमेटियों की बैठकें ही चल रही हैं, जो 23 मई तक चलेंगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार करीब 250 अभ्यर्थियों को विवि शोध की अनुमति देगा।
बता दें कि अगस्त में प्रस्तावित यह परीक्षा वैसे तो एम. फिल के अभ्यर्थियों को ध्यान में रख कर ली जा रही है, लेकिन पीएचडी की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थी भी इसमें शामिल हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी ने एम. फिल करने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों को पेट-1 और पेट-2 दोनों परीक्षाओं की जगह केवल एक ही परीक्षा पेट-1 उत्तीर्ण करने को कहा है।
मापदंडों में बदलाव दिख सकता है
अपने यहां होने वाली पीएचडी के मापदंडों में आंशिक बदलाव करने पर विचार कर रहा है। इसमें मुख्य मुद्दा पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पेट) से जुड़ी नेगेटिव मार्किंग का है। बता दें कि, कुछ समय पूर्व ही यूजीसी ने नागपुर यूनिवर्सिटी को पत्र जारी किया है। पत्र के मुताबिक यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाले शोधार्थी को यूनिवर्सिटी से प्रमाणपत्र लेना होगा कि, उसने यूजीसी के मापदंडों के अनुसार ही पीएचडी पूरी की है। वहीं एक अन्य बदलाव के अनुसार एक बार यूनिवर्सिटी में थीसिस जमा करते ही शोधार्थियों को एक और प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। दरअसल पीएचडी की लंबी प्रक्रिया में एक बार थीसिस जमा करने के बाद महीनों तक शोधार्थियों को डिग्री के लिए इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब इस इंतजार से उन्हें राहत मिलेगी।