अब नहीं दे सकते डैम प्रोजेक्ट को लेकर दर्ज एफआईआर का हवाला - हाईकोर्ट
अब नहीं दे सकते डैम प्रोजेक्ट को लेकर दर्ज एफआईआर का हवाला - हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बाणगंगा डैम प्रोजेक्ट में कथित गड़बड़ी के चलते विवादो में घिरी एफए इंटरप्राइजेस को बांबे हाईकोर्ट ने राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने यह राहत कोकण इरिगेशन डेवलपमेंट कार्पोरेशन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद प्रदान की। कार्पोरेशन ने मामले को लेकर आर्बीट्रेशन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए निर्णय को चुनौती दी है। ट्रिब्यूनल ने कार्पेरेशन को 300 करोड़ रुपए देने का निर्देश दिया था। कार्पोरेशन ने दावा किया था कि कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर व आरोपपत्र कोर्ट में प्रलंबित है। इसलिए कंपनी के पक्ष में दिया गया फैसला उचित नहीं है।
न्यायमूर्ति आरडी धानुका के सामने मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कार्पोरेशन की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीहरी अणे ने कहा कि कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी को लेकर एफआईआर व आरोपपत्र प्रलंबित है। इसलिए इस मामले को अार्बीट्रेशन ट्रिब्यूनल के पास सुनवाई के लिए साल 2015 में नहीं भेजा जाना चाहिए था। इस दौरान उन्होंने न्यायमूर्ति के सामने कंपनी के खिलाफ दायर आरोपपत्र की प्रति पेश करने की इजाजत मांगी। जबकि कंपनी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल अंतुडकर ने कहा कि ट्रिब्यूनल के सामने जब यह मामला प्रलंबित था तो कार्पोरेशन के पास एफआईआर व आरोपपत्र पेश करने का मौका था लेकिन तब ऐसा नहीं किया गया।
अब हाईकोर्ट में सुनवाई अंतिम पडाव पर है इसलिए कार्पोरेशन को अब एफआईआर व आरोपपत्र पेश करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इन दलीलों को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि अब कार्पोरेशन सुनवाई के दौरान एफआईआर व आरोपपत्र दायर होने का हवाला नहीं दे सकता।