अब दुर्घटना- आत्महत्या व लावारिस के जन्म-मत्यु का रखना होगा हिसाब, चंद्रपुर से शराब पाबंदी हटाने सप्ताहभर में आएगी रिपोर्ट
अब दुर्घटना- आत्महत्या व लावारिस के जन्म-मत्यु का रखना होगा हिसाब, चंद्रपुर से शराब पाबंदी हटाने सप्ताहभर में आएगी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न विपणन (विकास व विनियमन) अधिनियम में संशोधन की सिफारिश के लिए राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति को पुर्नगठित कर दिया है। बुधवार को विपणन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया। उपसमिति के नए अध्यक्ष राज्य के सहकारिता मंत्री बालासाहब पाटील बनाए गए हैं जबकि समिति के सदस्य राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात, गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड, कृषि मंत्री दादाजी भुसे, वित्त राज्य मंत्री शंभूराज देसाई और मुख्य सचिव अजोय मेहता होंगे। वहीं विपणन विभाग के प्रधान सचिव अनुप कुमार समिति के सदस्य सचिव होंगे। शासनादेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2017 को तैयार किया है। इसके आधार पर राज्य के महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न विपणन (विकास व विनियमन) अधिनियम में संशोधन के लिए उपसमिति सिफारिश करेगी। इससे पहले राज्य की तत्कालिन भाजपा सरकार कृषि मंडी (एपीएमसी) से संबंधी महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न विपणन (विकास व विनियमन) अधिनियम को मंजूर कराना चाहती थी। इसके जरिए कृषि मंडी को ई-नाम प्रणाली से जोड़ने और कार्यक्षेत्र समिति किया जाना था। इसके लिए तत्कालीन सरकार की ओर से 28 नवंबर 2018 को विधान परिषद में विधेयक को मंजूरी के लिए रखा जाना था लेकिन माथाड़ी कामगारों के तीव्र विरोध के बाद सरकार ने विधेयक को वापस ले लिया था। विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा ने भी विधेयक का विरोध किया था। इसके बाद से 16 महीने से विधेयक अधर में लटका हुआ है।
चंद्रपुर से शराब पाबंदी हटाने सप्ताहभर में आएगी रिपोर्ट
चंद्रपुर में शराब पर लगी पांबदी हटाने के लिए गठित अधिकारियों की रिपोर्ट इसी माह मिलने वाली है। रिपोर्ट मिलने के बाद इस बारे में फैसला लिया जाएगा। चंद्रपुर के पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार शराब पाबंदी हाटाने के पक्ष में हैं। राज्य के मदद व पुनर्वसन मंत्री व चंद्रपुर के पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार अपने गृह जिले में शराब बिक्री पर लगी पाबंदी हो हटाना चाहते हैं। इसके लिए अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर मिलने वाली है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट मिलने के बाद इस बाबत फैसला लिया जाएगा। पाबंदी हटाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि आस पडोस के जिलों से शराब चंद्रपुर लाकर बेची जाती है। जबकि शराब पांबदी के चलते चंद्रपुर को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके पहले भाजपा सरकार के दौरान राज्य के तत्कालिन वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार की पहल पर 20 जनवरी 2015 को चंद्रपुर सहित राज्य के तीन जिलों में शराब की बिक्री व सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया था। मुनगंटीवार के चुनाव क्षेत्र चंद्रपुर को शराब मुक्त करने के लिए चली मुहिम में 1 लाख 7 हजार स्थानीय महिलाओं ने कई अन्य सामाजिक संगठनों के साथ शराब पर रोक लगाने का ज्ञापन दिया था। शराब की बिक्री से चंद्रपुर को सालाना 200 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता था। मुनगंटीवार और वडेट्टीवार की राजनीतिक अदालत जग जाहिर है। वडेट्टीवार भाजपा के वरिष्ठ नेता मुनगंटीवार के विरोध के बावजूद शराब पाबंदी का फैसला पलटना चाहते हैं। विपक्ष में रहते वडेट्टीवार ने कई बार चंद्रपुर से शराब पाबंदी हटाने की मांग की थी। जुलाई 2018 में विधानमंडल के शीतकालिन सत्र में वडेट्टीवार ने चंद्रपुर से शराब पाबंदी हटाने को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया था। वडेट्टीवार का कहना था कि पाबंदी के बाद तीन साल के भीतर चंद्रपुर में 22 हजार मामले दर्ज किए गए और 90 करोड की शराब जब्त की गई। पाबंदी के चलते 50 रुपए की शराब 200 रुपए में बेची जा रही है। वडेट्टीवार ने आरोप लगाया था कि शराब पाबंदी के चलते चंद्रपुर में पुलिस स्टेशन प्रभारी हर माह 20 लाख तक की अवैध कमाई कर रहे हैं। वडेट्टीवार की मांग पर तत्कालिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया था।
दुर्घटनाओं, आत्महत्या व लावारिस के जन्म-मत्यु का रखना होगा हिसाब
प्रदेश में हादसों, आत्महत्या व लावारिश के जन्म और मृत्यु का पंजीयन किया जाएगा। बुधवार को सरकार के गृह विभाग की ओर से परिपत्र जारी गया है। इसके अनुसार सार्वजनिक जगहों पर लावारिश अवस्था में मिले नवजात व अर्भक मृतदेह के संबंध में स्थानीय जन्म-मृत्यु निबंधक को पुलिस को जानकारी देना अनिवार्य होगा। ग्रामीण इलाकों के ग्राम सेवक, ग्राम पंचायत और शहरी इलाकों में मुख्याधिकारी और प्रभाग अधिकारी और चिकित्सा अधिकारी जन्म-मृत्यु निबंधक नियुक्त किए गए हैं।