गैर अनुदानित स्कूल शिक्षकों को नहीं करनी पड़ेगी चुनावी ड्यटी हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
गैर अनुदानित स्कूल शिक्षकों को नहीं करनी पड़ेगी चुनावी ड्यटी हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गैर अनुदानित स्कूल के शिक्षकों को बड़ी राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत गैर अनुदानित स्कूल के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को चुनावी ड्युटी पर नहीं लगाया जा सकता है। इससे पहले केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता प्रदीप राजगोपाल ने कहा कि चुनावी ड्युटी के संदर्भ में निजी स्कूलों को भेजी गई नोटिस को वापस ले लिया जाएगा। आयोग गैर अनुदानित स्कूल के शिक्षकों को चुनावी ड्युटी में नहीं लगाएगा। लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी ड्युटी को लेकर आयोग ने गैर अनुदानित स्कूल के प्रबंधन को नोटिस जारी किया था और उनसे शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की जानकारी मांगी थी। आयोग की ओर से भेजी गई इस नोटिस के खिलाफ अनएडेड स्कूल फोरम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि नियमानुसार उन्ही स्कूल के शिक्षकों को चुनावी ड्युटी में लगाया जा सकता है जिस पर सरकार का नियंत्रण है और जिन्हें सरकार वित्तीय सहयोग प्रदान करती है।
खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई
बुधवार को न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस शंकलेचा की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान आयोग के वकील ने खंडपीठ के सामने कहा कि हम गैर अनुदानित स्कूल के शिक्षकों को चुनावी ड्युटी पर नहीं लगाएगे। इस पर खंडपीठ ने कहा कि नियमानुसार आयोग इन स्कूलों के शिक्षकों को चुनावी ड्युटी पर नहीं लगा सकता है फिर भी चुनाव के समय हर बार शिक्षकों को ड्युटी के संबंध में नोटिस जारी किया जाती है। इसलिए हम इस मामले में आदेश जारी करेगे। ताकि इस विषय का निपटारा हो सके। इस तरह से अदालत जाने के बाद गैर अनुदानित स्कूल के शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।