गरवारे क्लब की सदस्यता के लिए फर्जी कागजात देने वाले भाईयों को अग्रिम जमानत नहीं

गरवारे क्लब की सदस्यता के लिए फर्जी कागजात देने वाले भाईयों को अग्रिम जमानत नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-25 14:26 GMT
गरवारे क्लब की सदस्यता के लिए फर्जी कागजात देने वाले भाईयों को अग्रिम जमानत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई के प्रतिष्ठित गरवारे क्लब की सदयस्ता के लिए फर्जी दस्तावेज देने के मामले में आरोपी दो भाइयों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। जबकि इनकी माँ को वरिष्ठ नागरिक होने के नाते जमानत दे दी गई है। मारिन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। प्रकरण में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया था। 

न्यायमूर्त पी डी नाईक ने आरोपी उदय जिनेंद्र व  हिमांशु जिनेंद्र के जमानत आवेदन खारिज  करते हुए कहा कि प्रथम दृष्ट्या आरोपियों पर लगे आरोप को लेकर पर्याप्त सबूत नजर आ रहे हैं। इसलिए आरोपियों के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। गौरतलब है कि क्लब की समान्य सदस्यता शुल्क 25 लाख रुपये है जबकि सदस्यता के स्थानांतरण का शुल्क केवल 6 हजार रुपये है। आरोपियों ने स्थानांतरण के जरिए क्लब की सदस्यता हासिल करने के लिए फर्जी कागजात का इस्तेमाल किया था।   


 

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