निंबालकर ने कहा -निवासी चिकित्सक की सुविधा अनिवार्य करें, विदर्भ को मिलेंगी 100 एंबुलेंस
निंबालकर ने कहा -निवासी चिकित्सक की सुविधा अनिवार्य करें, विदर्भ को मिलेंगी 100 एंबुलेंस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक राजेश निंबालकर ने सभी स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा पॉलिसियों को कोरोना महामारी में निवासी चिकित्सक की सुविधा अनिवार्य रूप से घोषित करने की मांग केंद्र सरकार और बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण से की है। जिन मरीजों का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा है, ऐसे हज़ारों मरीजों का हर दिन आर्थिक शोषण हो रहा है। मरीज़ को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध न हो, तो वह मरीज उस अस्पताल के या निजी चिकित्सक के परामर्श पर अपने निवास पर सबंधित स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त कर सकता है तथा इस इलाज का खर्च मरीज़ संबंधित चिकित्सक या अस्पताल के मंजूरी के पश्चात थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन के माध्यम से अपने इंश्योरेंस कंपनी से प्राप्त कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन तथा बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण के हैदराबाद मुख्यालय को पत्र लिखकर यह मांग पूरी करने का अनुरोध किया गया है
शासकीय रुग्णालय के कोविड केयर सेंटर में आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने की मांग
जिले व तहसील के सभी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण का प्रकोप फैलने से रोजाना कोरोना मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इस कारण सरकारी, निजी दवाखाने में भीड़ बढ़ती जा रही है। इससे मरीजों का इलाज करने में लोगों को जगह नहीं मिल रही है। किसी को बेड नहीं तो किसी को ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए कामठी मौदा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों में कोविड केयर सेंटर शुरू करने के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने की विनती विधायक टेकचंद सावरकर ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से की है। इस वक्त गडकरी ने नागपुर ग्रामीण के सभी शासकीय रुग्णालय में कोविड केयर सेंटर में आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। ज्ञापन सौंपते समय विधायक टेकचंद सावरकर, शिवसेना उपजिला प्रमुख देवेंद्र गोडबोले, नगर पंचायत मौदा के गट नेता मुन्ना चलनानी, नगरसेवक राजूभाऊ सोमनाथे आदि उपस्थित थे।
कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अस्पतालों में आर्थिक मदद की मांग
उमरेड विधानसभा क्षेत्र के उमरेड कुही व भिवापुर में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र मेश्राम ने शासन से आर्थिक मदद की मांग की है। उपविभागीय अधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि, कोविड 19 के बढ़ते प्रभाव से परेशान लोगों की मदद के लिए उमरेड, भिवापुर व कुही के अस्पतालों में वेंटिलेटर, आईसीयू व अन्य आधुनिक यंत्रों की खरीदी के लिए आर्थिक मदद की मांग की है। जिसमें उन्होंने 11,000 रुपए का यूनियन बैंक का चेक मदद के लिए उपविभागीय अधिकारी को सौंपा। उमरेड, कुही व भिवापुर के अस्पतालों में इस समय नागपुर की अपेक्षा अधिक प्रमाण में कोरोना रोगी हैं लेकिन, आईसीयू, वेंटिलेटर की सुविधा न होने से बहुत से मरीजों की मौत हो रही है। इसे देखते हुए शासन से आर्थिक मदद की मांग की है।
विदर्भ को मिलेंगी 100 एंबुलेंस
कोरोना संकट को देखते हुए विदर्भ में विशेष तौर से करीब 100 एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाएंगी। एमजी मोटर्स व पेटीएम की ओर से जीवनरक्षा प्रणाली युक्त यह एंबुलेंस उपलब्ध कराई जाने वाली हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने एमजी मोटर्स के व्यवस्थापक संचालक राजीव चाबा व पेटीएम के व्यवस्थापक संचालक विजय शेखर शर्मा से संपर्क किया। कोविड की स्थिति व उपलब्ध साधन के बारे में चर्चा की। उन्होंने सीएसआर निधि से एंबुलेंस देने का निवेदन किया। लिहाजा चाबा ने तत्काल 8 एंबुलेंस भेजने की जानकारी दी। पेटीएम ने यह खर्च उठाने के लिए कहा। शेष एंबुलेंस जल्द ही एमजी की ओर से देने का आश्वासन दिया गया है। गडकरी ने कहा है कि मरीजों को उपचार केंद्रों तक पहुंचाने के लिए 100 एंबुलेंस काफी सहायक होंगी।
नागपुर से बायोटेक, सीरम को ले गए पुणे, विदर्भ के मंत्री चुप रहे
विदर्भ के मंत्रियों की राजनीतिक क्षमता पर सवाल उठाते हुए भाजपा विधायक कृष्णा खोपडे ने कहा है कि बायोटेक व सीरम इंस्टीट्यूट को नागपुर से पुणे ले जाया गया, लेकिन यहां के मंत्री चुप रहे। मिहान में भारत बायोटेक व सीरम इंस्टीट्यूट को आमंत्रित किया गया था। इसके लिए एक टीम भी गठित की गई थी। प्रजेंटेशन लेने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस कंपनी को पुणे में स्थापित करने की घोषणा कर दी। विदर्भ के साथ इस अन्याय पर यहां के मंत्रियों ने एक शब्द भी नहीं बोला। यहां महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट लाने के लिए अधिकारी प्रयास करते हैं, लेकिन मंत्रियों का उन्हें सहयोग नहीं मिल पाता है। खोपडे ने कहा है कि कोविड संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए तहसील व जिला स्तर पर ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने की आवश्यकता है।
काटोल ग्रामीण रुग्णालय को 10 बेड दान
कोंढाली ग्रामीण रुग्णालय काटोल के लिए स्थानीय निवासी तथा सामाजिक कार्यकर्ता राजेश नंदनवार, अकील शेख के सहयोग से दस बेड तथा 10 गद्दे अधीक्षक डॉ. दिनेश डावरे को सौंपे गए। इस अवसर पर रुग्ण कल्याण समिति सदस्य तथा सामाजिक कार्यकर्ता शब्बीर शेख, सलीम शेख तथा वैद्यकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
प्रत्येक कंपनी 5 बेड लगाएं
मौदा तहसील में दिनोंदिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण तहसील में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बेड उपलब्ध नहीं होने से संक्रमित मरीजों को भंडारा, नागपुर जाना पड़ रहा है। वहां पर भी बेड, ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो रही है। इससे मरीजों का समय पर इलाज नहीं होने से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। इसके कारण तहसील में कोरोनाकाल में नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मौदा तहसील अंतर्गत आने वाले रिलायंस, 4जी, अल्ट्राटेक, हिंडालको, गोपाल स्नॅक्स, विशाखा, आदि कंपनी की ओर से मौदा तहसील में आने वाली कंपनियों ने अपने सीएसआर के तहत मौदा के ग्रामीण अस्पताल में प्रत्येक 5 बेड की व्यवस्था करने की मांग का ज्ञापन भाजपा जिला उपाध्यक्ष नरेश मोटघरे ने मौदा के तहसीलदार प्रशांत सांगडे को सौंपा। इस अवसर पर महामंत्री भाजयुमो मौदा तहसील के वीरेंद्र पायतोडे, मंगेश तिघरे, प्रशांत तिघरे, शुभम येलने, राहुल पोटभरे, पंकज निनावे, अमोल धनजोडे, शुभम गवली, रोशन बारई आदि उपस्थित थे।