Mumbai News: विशेष समुदाय के एक युवक ने कथित अपनी प्रेमिका के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में लगाई गुहार

  • युवक के खिलाफ घाटकोपर पुलिस स्टेशन में युवती के परिवार को धमकी और ब्लैक करने का मामला है दर्ज
  • पुलिस का युवती को युवक के चंगुल से छुड़ा कर चेंबूर के महिला सुधार गृह में भेजने का दावा
  • युवती के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने की कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 16:29 GMT

Mumbai News : विशेष समुदाय के ऐक युवक ने कथित अपनी प्रेमिका के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। युवक की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि उसका घाटकोपर में रहने वाली 18 लड़की के साथ प्रेम संबंध है। वह अपनी मर्जी से उसके साथ रहने के लिए गई थी, लेकिन उसके परिवार वालों और कुछ हिंदूवादी संगठनों के दबाव में घाटकोपर पुलिस ने उसे उसकी प्रेमिका से अलग कर दिया। पुलिस ने उसको (लड़की) जबरजस्ती चेंबर के महिला सुधार गृह में रखा गया है। याचिका में महिला सुधार गृह से उसकी प्रेमिका को तत्काल छोड़ने का अनुरोध किया गया। न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ के समक्ष नौशाद महबूब जमादार की ओर से वकील आबिद अब्बास सैय्यद और आसिफ शेख ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। पीठ इस याचिका पर 3 दिसंबर को सुनवाई कर सकता है।याचिका में दावा किया गया है कि चेंबूर के महिला सुधार गृह में याचिकाकर्ता की प्रेमिका को जबरदस्ती हिरासत में रखा गया है। यह उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में उसकी रिहाई की मांग करने के अलावा युवक और युवती को किसी भी खतरे या हस्तक्षेप से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पुलिस सुरक्षा का भी अनुरोध किया गया है।हिरासत में ली गई युवती के माता-पिता, धार्मिक, राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं और तीसरे पक्ष द्वारा हस्तक्षेप युवती की व्यक्तिगत स्वतंत्रता में नैतिक पुलिसिंग और असंवैधानिक हस्तक्षेप के बराबर है, जिसे न्यायपालिका ने विभिन्न उदाहरणों में स्पष्ट रूप से अस्वीकृत किया है। युवती ने स्वेच्छा से अपने माता-पिता का घर छोड़ दिया था और एक महीने से लिव-इन रिलेशनशिप में याचिकाकर्ता के साथ रह रही थी। याचिका में 16 नवंबर की तारीख वाला एक नोटरीकृत हलफनामा संलग्न किया गया है, जिसमें महिला ने पुष्टि की है कि वह अपनी मर्जी से और बिना किसी दबाव नौशाद के साथ पति और पत्नी के रूप में रह रही है। याचिका में कहा गया है कि युवती ने कोई अपराध नहीं किया है और उस पर किसी अपराध का आरोप नहीं है। इसलिए उसे हिरासत में रखना उचित नहीं है।


क्या है पूरा मामला

घाटकोपर (प.) में रहने वाली युवती को एक विशेष समुदाय का युवक अपने साथ लेकर चला गया। युवती के परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी को युवक बहला फुसलाकर ले गया। इतना ही नहीं, वह उन्हें धमकी और ब्लैक कर रहा था। उन्होंने घाटकोपर पुलिस स्टेशन में युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने युवती को युवक के चंगुल से छुड़ाकर चेंबर के बाल सुधार गृह में रखा है। पुलिस युवक को फरार बता रही है। अब युवक की हाई कोर्ट में याचिका से इस मामले में नया मोड़ आ गया है।

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