बच्चों की सुरक्षा के लिए शिक्षा संस्थान और बाल सुधारगृह में बने व्यवस्था – राज्यपाल
बच्चों की सुरक्षा के लिए शिक्षा संस्थान और बाल सुधारगृह में बने व्यवस्था – राज्यपाल
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने डिजिटल युग में बच्चों की सुरक्षा के लिए संस्थागत व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल मीडिया के माध्यम से बच्चों के शोषण, उनको बेचने और हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसलिए छोटे बच्चों को सुरक्षित वातावरण देने के लिए स्कूल, आश्रमशाला, अनाथालय, सुधारगृह समेत अन्य जगहों पर बच्चों की सुरक्षा के लिए संस्थागत व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार के अलावा समाज, निजी क्षेत्र, प्रौद्योगिकी और दूरसंचार उद्योग को भी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।
डिजिटल तकनीक से हो रहा बच्चों के ज्ञान का विस्तार
बुधवार को राजभवन में राज्यपाल ने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) की तरफ से विश्व में छोटे बच्चों की स्थिति-2017 पर तैयार की गई रिपोर्ट के डिजिटल अंक का विमोचन किया। राज्यपाल ने कहा कि डिजिटल तकनीक से बच्चों के ज्ञान का विस्तार हो रहा है। शिक्षा का प्रचार- प्रसार व गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।स्वास्थ्य सेवा विस्तार में क्रांतिकारी बदलाव के लिए नए अवसर मिल रहे हैं। डिजिटल तकनीक बच्चों को सहजता से उपलब्ध है। लेकिन डिजिटल मीडिया के कारण कई चुनौतियां भी समाने हैं।
इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाला हर तीसरा है नाबालिग
राज्यपाल ने कहा कि सोशल मीडिया में बच्चों के लिए हानिकारक सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। बच्चों को सकारात्मक, उचित और सुरक्षित डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराने की जरूरत है। स्कूल में भी डिजिटल साक्षरता पैदा करने की जरूरत है। यूनिसेफ के क्षेत्रिय कार्यालय प्रमुख राजश्री चंद्रशेखर ने बताया कि विश्व में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाला हर तीसरा व्यक्ति 18 साल से कम उम्र का है। डिजिटल तकनीक वरदान है पर यह अभिशाप भी साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों में डिजिटल साक्षरता होने की जरूरत है।