मोदी से मुकाबले के लिए NCP को शिवसेना से किसी तरह का परहेज नहीं

मोदी से मुकाबले के लिए NCP को शिवसेना से किसी तरह का परहेज नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-12 14:57 GMT
मोदी से मुकाबले के लिए NCP को शिवसेना से किसी तरह का परहेज नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट हो रहे विपक्ष को अब कट्‌टर हिंदुत्वादी राजनीति की पक्षधर शिवसेना से भी परहेज नहीं रहा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय महासचिव डीपी त्रिपाठी ने कहा है कि शिवसेना धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा नहीं है। श्री त्रिपाठी ने यह कह कर संकेत दे दिए हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना भाजपा विरोधी विपक्षी मोर्चे में शामिल हो सकती है। त्रिपाठी गुरुवार को प्रदेश राष्ट्रवादी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। यह पूछे जाने पर कि विपक्षी खेमे का नेतृत्व कौन करेगा? उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले किसी चेहरे को पेश करने की जरूरत नहीं है।

जनता चुनाव में खुद अपना नेता चुन लेगी। यह विपक्षी एकता मुद्दों पर आधारित होगी। गैर भाजपा दलों के गठजोड़ के लिए किसी नेता के नाम की घोषणा करने की जरूरत नहीं समझता। यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना भी भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के मोर्चे में शामिल हो सकती है? जवाब में त्रिपाठी ने कहा कि राजनीति में हर चीज के लिए संभावनाएं बनी रहती हैं। भाजपा व शिवसेना में फर्क है। शिवसेना महाराष्ट्र तक सीमित है और वह धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा नहीं है। गौरतलब है कि केंद्र व राज्य की सत्ता में भागीदार शिवसेना अपने मित्र दल भाजपा से बेहद खफा है और अकेले चुनाव  लड़ने का एलान कर चुकी है।

मोदी के खिलाफ विपक्ष खड़ा करे संयुक्त उम्मीदवार
राकांपा नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष को संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए। राकांपा के वरिष्ठ नेता त्रिपाठी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। यहां भाजपा को हार मिली तो 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी की हार तय है। उन्होंने कहा कि राकांपा कर्नाटक विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी और भाजपा की पराजय के लिए कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देगी। उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस की तरफ से अभी तक प्रतिसाद नहीं मिल रहा है।

महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन का रास्ता जल्द साफ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव में हमनें कांग्रेस से बराबर सीट बंटवारे की मांग कि थी। हम अलग हो गए पर जनता ने हमें समान सीटों पर जीत दिलाई। राकांपा के 41 और कांग्रेस को 42 सीटें मिली। जबकि लोकसभा चुनाव में हमें चार और कांग्रेस को दो सीटें मिली। यह पूछे जाने पर क्या विधानसभा व लोकसभा चुनाव के लिए राकांपा कांग्रेस से आधी सीटें मांगेगी? उन्होंने कहा कि सीट बंटवारा फार्मूले पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा।

यूपी-बिहार, महाराष्ट्र में भाजपा मजबूत, विपक्षी एकता जरूरी 

त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व महाराष्ट्र में भाजपा कि स्थिति मजबूत बनी हुई है। इस लिए इन राज्यों में जल्द गैर भाजपा दलों का गठबंधन बनाना होगा। 

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