जिला परिषद में महाविकास आघाड़ी में टकराव,कांग्रेस के विरोध में राकांपा ने उतारे उम्मीदवार
जिला परिषद में महाविकास आघाड़ी में टकराव,कांग्रेस के विरोध में राकांपा ने उतारे उम्मीदवार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद में सभापति पद को लेकर चुनाव में महाविकास आघाड़ी में टकराव खुलकर सामने आया है। कांग्रेस के विरोध में राकांपा ने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। राकांपा नेता व गृहमंत्री अनिल देशमुख एवं कांग्रेस नेता युवा खेल मंत्री सुनील केदार के बीच बैठक में बात नहीं बन पायी है। गुरुवार को ही सभापतियों का चयन होनेवाला है। 4 सभापतियों के लिए 10 आवेदन जमा किए गए है। सभापति पद के उम्मीदवारों में विषय समिति के लिए कांग्रेस के तापेश्वर वैद्य, भारती पाटील, भाजपा से अनिल निधान, भोजराज ठवकर, राकांपा से चंद्रशेखर कोल्हे शामिल हैं। महिला व बाल कल्याण समिति के लिए अर्चना गिरी भाजपा, उज्जवला बोढारे राकांपा व ज्योति राऊत कांग्रेस शामिल हैं। अन्य समिति के लिए नेमावली माटे कांग्रेस व सतीश डोंगरे भाजपा ने नामांकन किया है।
गौरतलब है कि जिला परिषद में 58 सदस्य है। राज्य में सरकार गठन के बाद कांग्रेस व राकांपा ने जिला परिषद में भी मिलकर चुनाव लड़ा। कांग्रेस 30 सीटे जीतकर अकेले बल पर बहुमत का आंकड़ा जुटाने में सफल रही। राकांपा नेे 10 सीट जीती। भाजपा ने 15 ,शिवसेना 1, शेकाप ने 1 सीट जीती। चुनाव परिणाम आने के बाद से कांग्रेस व राकांपा में खटपट चल रही है। राकांपा ने कांग्रेस से उपाध्यक्ष पद की मांग की थी। लेकिन कांग्रेस ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर अपने सदस्यों का बिठा दिया। इस मामले में राकांपा की ओर से वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल कांग्रेस को मनाते रह गए।
गृहमंत्री अनिल देशमुख की भी नहीं सुनी गई। यहां तक कि गृहमंत्री के पुत्र सलिल देशमुख पहली बार जिप सदस्य चुने जाने के बाद भी सभापति पद के लिए अपेक्षा करते रह गए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात की भी नहीं सुनी गई। बाद में राकांपा ने दो सभापति पद का प्रस्ताव कांग्रेस को दिया था। उसपर भी बात नहीं बन पायी । गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि कांग्रेस की इस मनमानी का परिणाम भविष्य में देखा जाएगा। कांग्रेस नेता व मंत्री सुनील केदार ने कहा है कि सदस्यों की इच्छा के अनुरुप सभापति का चुनाव हो रहा है।