पंच सूत्रीय संकल्प के साथ राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

सतना पंच सूत्रीय संकल्प के साथ राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-28 09:56 GMT
पंच सूत्रीय संकल्प के साथ राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन

डिजिटल डेस्क, सतना। भारत रत्न नानाजी देशमुख की १२ वीं पुण्य तिथि पर चित्रकूट में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी रविवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी और पूर्ण रुप से लागू करने के पंचसूत्रीय संकल्पों के साथ सम्मपन्न हो गई। समापन सत्र की अध्यक्षता विधानसभाध्यक्ष गिरीश गौतम ने की। इस अवसर पर संतोषी अखाड़ा के महंत रामजी दास की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। उन्होंने कहा कि नानाजी आध्यात्म विभूषित थे। वह पथ प्रदर्शक हैं। विधानसभाध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि  राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मध्यप्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाए जाने के प्रयास किए जाएंगे। राष्ट्रीय संगोष्ठी में 12 राज्यों के 35 कुलपतियों ने विचार मंथन किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा.त्रिलोचन महापात्रा न  कृषि शिक्षा में नई नीति के अनुरुप बदलाव की जरुरत जताई। 
इन्होंने भी रखे विचार :--- 
कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल, प्रदेश के  वन एवं जिले के प्रभारी मंत्री डा.विजय शाह, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल,भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी  शर्मा एवं सांसद गणेश सिंह ने भी अपने अपने विचार रखे।  ग्रामोदय के पूर्व कुलपति प्रो.एनसी गौतम ने निष्कर्ष के रुप में संकल्प पत्र प्रस्तुत किया। आगंतुकों का स्वागत डीआरआई के प्रधान सचिव अतुल जैन ने किया। संचालन महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ और आभार प्रदर्शन संगठन सचिव अभय महाजन द्वारा किया गया। संगोष्ठी में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.भरत मिश्रा, पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोटिया और पूर्व मंत्री एवं विधायक रीवा राजेन्द्र शुक्ल भी मंचासीन थे। 
 याद किए गए भारत रत्न नानाजी :--
 भारत रत्न नानाजी देशमुख की १२ वीं पुण्यतिथि पर आगंतुकों ने श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। सभी ने सहभोज भंडारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे के आयोजन  ग्रामीणों से  एक मु_ी अनाज और एक रुपए की राशि श्रद्धा निधि के रूप में प्राप्त कर  किया गया।  इस भंडारे के लिए लोगों से श्रद्धा निधि के रुप में 9 लाख 22 हजार 559 रुपये की राशि और 85 क्ंिवटल अन्न लगभग साढ़े 8 हजार परिवारों से संग्रहित किया गया था।

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