राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने दिल्ली में लगाई दहाड़, मांगे पूरी करें अन्यथा कुर्सी छोड़ने के लिए रहें तैयार

वोटों के लिए बंद हो इस्तेमाल राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने दिल्ली में लगाई दहाड़, मांगे पूरी करें अन्यथा कुर्सी छोड़ने के लिए रहें तैयार

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-28 14:20 GMT
राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने दिल्ली में लगाई दहाड़, मांगे पूरी करें अन्यथा कुर्सी छोड़ने के लिए रहें तैयार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने मंगलवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार को चेताया है कि वह ओबीसी की जाति आधारित जनगणना समेत अन्य संवैधानिक मांगों को जल्द पूरा करें अन्यथा आगामी चुनावों में कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार रहे। महासंघ के बैनर तले आज देश भर से इकट्ठा हुए ओबीसी प्रतिनिधियों ने ओबीसी की संवैधानिक मांगों को पूरा करने की केंद्र सरकार से गुहार लगाई। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष डॉ बबनराव तायवाडे ने कहा कि सरकार देश में जानवरों की गिनती करवाई जाती है, लेकिन ओबीसी समुदाय की जातिवार गिनती करने में सरकार को दिक्कत है। डॉ तायवाडे ने कहा कि वर्षों से ओबीसी की मांगें सरकार के पास लंबित है, लेकिन दुर्भाग्य है कि देश का प्रधानमंत्री ओबीसी होते हुए भी ओबीसी की मांगों का समाधान नहीं हो रहा है। डॉ तायवाडे ने सरकार को चेताते हुए कहा कि अब देश का ओबीसी जाग्रत हो गया है और आगे वह अपना इस्तेमाल नहीं होने देगा। इसलिए सरकार से यह अपील है कि वह जल्द से जल्द मांगों पर सकारात्मक विचार करें नहीं तो कुर्सी खाली करें। इस दौरान तायवाडे ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह भी केवल ओबीसी कार्ड खेलने की कोशिश न करें।   

प्रदर्शन में महाराष्ट्र से पीरिपा के अध्यक्ष प्राध्यापक जोगेंद्र कवाडे, विदर्भ ओबीसी नेता डॉ अशोक जीवतोडे, राज्यसभा सदस्य विद्या मस्तान, बी लिंगया यादव, वद्दीराजू रविचंद्र, वेंकटरमन राव मोपीदेवी , महासचिव सचिन राजूरकर सहित विभिन्न राज्यों के ओबीसी संगठन के पदाधिकारियों ने अपने संबोधन में महासंघ की मांगों का समर्थन किया और आंदोलन को और उग्र करने की हामी भरी। इस दौरान प्रमुख रूप से ओबीसी की जाति आधारित जनगणना, ओबीसी मंत्रालय, क्रीमीलेयर की असंवैधानिक स्थिति को तत्काल रद्द करके क्रीमीलेयर की सीमा 20 लाख रुपये तक किया जाए, ओबीसी की संख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करें, जिसके लिए संविधान के अनुच्छेद 243 डी (6) और अनुच्छेद 243 टी (6) में संशोधन किया जाए, ओबीसी किसानों, खेत मजदूरों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन योजना लागू की जाए सहित दर्जनभर से अधिक मांग उठाई गई।

 

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