राष्ट्रीय साहित्य प्रभाव मंच का राष्ट्रीय महा अधिवेशन आयोजित।
सतना राष्ट्रीय साहित्य प्रभाव मंच का राष्ट्रीय महा अधिवेशन आयोजित।
डिजिटल डेस्क, सतना। हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने के लिए राष्ट्रीय साहित्य प्रभाव मंच का राष्ट्रीय महा अधिवेशन का आयोजन टाउन हॉल में किया गया जिसमें देशभर के साहित्यकार एकत्र हुए और दबी कुचली हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने के लिए एक स्वर से उद्घोष किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अनंत श्री विभूषित स्वामी संपादित महाराज जी रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सीधी सांसद रीति पाठक सांसद जनार्दन मिश्रा सतना सांसद प्रतिनिधि उमेश प्रताप सिंह लाला प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय साहित्य सभा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुदामा शरद मीरा सलाह प्राची मिश्रा डीके सिंह नर्मदा प्रसाद मिश्रा शालिग्राम आरएन त्रिपाठी कृष्ण चंद्र मिश्रा ममता पांडे अनूप अशेष प्रभाकर सिंह श्री कृष्ण गोपाल राही प्रिज्म जॉनसन के अध्यक्ष एमपी त्रिपाठी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। मंच से अतिथियों का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय साहित्य प्रभाव मंच के अध्यक्ष सुदामा शरद ने कहा कि हिंदी जन्म जन्मांतर की भाषा है बच्चों की मुख से जो पहला शब्द निकलता है वह मां है जो हिंदी की भाषा है हिंदी राष्ट्रभाषा है उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने एक अधिवेशन में कहा था कि हिंदी राष्ट्रभाषा होनी चाहिए 1954 में संविधान सभा में प्रस्ताव बनाया गया था कि हिंदी राजभाषा बनाया जा रहा है और 15 वर्ष बाद राष्ट्रभाषा बनाया जाएगा हिंदी जैसी थी आज भी वैसी ही है राष्ट्रभाषा बनकर रह गई है हिंदी राजभाषा कमजोर हो गई हैं हिंदी ने हमें सनातन से परिचय कराया है उस भाषा को हमारी पीढ़ी देख ले क्योंकि हमारी भाषा मातृ भाषा है हिंदी का संस्कार ऐसा है कि हमारी मां हिंदी बड़ी है तो उसकी अन्य भाषाएं जो मौसी कहलाती हैं वह भी मां के समान दर्जन उन्हें प्राप्त है उन्होंने कहा कि कोई भाषा खुद से संपन्न नहीं होती है उनकी सहायक बोलियां हैं जो हिंदी कोर्स को ताकत देती हैं यदि हिंदी समुद्र है तो बाकी बोलना गंगा जमुना नर्मदा सरस्वती है जो हिंदी के स्वाभिमान को बढ़ा रही हैं 1 दिन हिंदी राष्ट्रभाषा बनेगी अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें एकजुट होना पड़ेगा और मिलकर प्रयास करना पड़ेगा मंच में उपस्थित सांसद से उन्होंने निवेदन किया कि संसद में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की पहल करें हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाया जाए यदि आज नहीं हुई तो हमारा जीवन कलंकित माना जाएगा। वही शाहिद प्रभाव मंच के महामंत्री प्राची मिश्रा ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।