किशोरावस्था शिक्षा व यौन उपचार पर राष्ट्रीय सम्मेलन 14 से

किशोरावस्था शिक्षा व यौन उपचार पर राष्ट्रीय सम्मेलन 14 से

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-09 09:34 GMT
किशोरावस्था शिक्षा व यौन उपचार पर राष्ट्रीय सम्मेलन 14 से

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की नागपुर शाखा, आईआईएम महाराष्ट्र, आईआईएम के एकेएन सिन्हा इंस्टीट्यूट एंड काउंसिल ऑफ सेक्स एजुकेशन एंड पैरेंटहुड़ इंटरनेशनल की ओर से शनिवार, 14 मार्च व रविवार 15 मार्च को किशोरवस्था शिक्षा पर राष्ट्रीय कार्यशाला और  यौन उपचार पर सीएमई का आयोजन किया गया है। कार्यशाला का उद्घाटन 14 मार्च को आईआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा करेंगे।

 इस अवसर पर आईएमएम महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे, एकेएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के संचालक डॉ. वाई.एस. देशपांडे विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। काउंसिल ऑफ सेक्स एजुकेशन एंड पैरेंटहुड़ इंटरनेशनल के यौन रोग विशेषज्ञ भी सम्मेलन में शामिल होंगे। यह जानकारी गुरुवार को पत्र परिषद में  आईएमए नागपुर अध्यक्ष डॉ. कुश झुनझुनवाला ने दी। डॉ. संजय देशपांडे, डॉ. मंजुषा गिरि, डॉ. अर्चना कोठारी, डॉ. वाई.एस. देशपांडे, डॉ. वंदना काटे और डॉ. प्रकाश देव परिषद में उपस्थित थे।

देशभर के विशेषज्ञ होंगे शामिल
दो दिवसीय सम्मेलन में देश के कई विशेषज्ञ शामिल होंगे। चेन्नई के वरिष्ठ यौन रोग विशेषज्ञ डॉ. नारायण रेड्डी, मुंबई के डॉ. जुमानी, बंगलुरु की डॉ. पद्मिनी प्रसाद, हैदराबाद के डॉ. जी. वेंकटरमन, नागपुर के डॉ. संजय देशपांडे समेत कई विशेषज्ञ मार्गदर्शन करेंगे। 

ओबीसी कल्याण विभाग के नामांतरण के निर्णय का स्वागत
राज्य में पहली बार 7 जून 2017 को ओबीसी मंत्रालय का निर्माण किया गया। मंत्रालय का नाम विमुक्त जाति, भटक्या जमाति, इतर मागासवर्ग विशेष मागास वर्ग कल्याण विभाग रखा गया था। जिस प्रवर्ग के लिए मंत्रालय निर्माण किया गया उसका उल्लेख तीसरे क्रमांक पर था। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ की ओर से इस बात का विरोध करते हुए इतर मागास वर्ग शब्द पहले करने की मांग की गई थी। इसके तहत 24 जुलाई 2019 को मंत्रालय ने इतर मागास वर्ग सामाजिक, शैक्षणिक, मागासवर्ग, विमुक्त जाति, भटक्या जमाति व विशेष मागास प्रवर्ग कल्याण विभाग किया है। मंत्रालय को ओबीसी मंत्रालय के रूप में पहचान मिली।

12 फरवरी 2020 को मंत्रिमंडल की बैठक में अचानक विभाग का नाम बदलकर बहुजन कल्याण विभाग कर दिया गया। इससे ओबीसी समाज में नाराजगी फैल गई। इस बारे में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के डा. बबनराव तायवाड़े ने विधानसभा  अध्यक्ष नाना पटोले, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मंत्री सुनील केदार, अशोक चव्हाण, िवजय वडेट्टीवार, विकास ठाकरे को सूचित किया। पश्चात महाविकास आघाड़ी सरकार ने 2 मार्च 2020 को परिपत्रक जारी करते हुए मंत्रालय का नाम इतर मागास बहुजन कल्याण विभाग किया है।

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