पासपोर्ट रद्द करने के निर्णय के खिलाफ जाकिर नाइक ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

 पासपोर्ट रद्द करने के निर्णय के खिलाफ जाकिर नाइक ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-13 13:12 GMT
 पासपोर्ट रद्द करने के निर्णय के खिलाफ जाकिर नाइक ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विवादित धर्मगुरु जाकिर नाइक ने पासपोर्ट रद्द किए जाने के विदेश मंत्रालय के निर्णय के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में नाइक ने दावा किया कि उन्हें उनके धर्म के चलते निशाना बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)  और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद हाजिर न होने की वजह से नाइक का पासपोर्ट रद्द किया गया है। नाइक पर आतंकी गतिविधियों के लिए निधि उपलब्ध कराने, मनी लॉन्ड्रिंग और भड़काऊ भाषण देने के कथित आरोप हैं। इस मामले में एनआईए और ईडी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। 

नाइक की दलील पवित्र उद्देश्य से किया संस्था का गठन

याचिका में नाइक ने कहा है कि एक पवित्र और जनहित के उद्देश्य से इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का गठन किया गया है। मेरे फाउंडेशन पर आधारहीन और झूठे आरोप लगाए गए हैं। यह फाउंडेशन गरीब लोगों की मदद के लिए बनाया गया हैं। नाइक ने कहा कि जांच एजेंसी को निर्देश दिया जाए कि वे उन पर लगाए गए आरोपों के संदर्भ में अदालत में सबूत पेश करे। याचिका में नाइक ने कहा कि मुझ पर लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है। मैंने कभी भड़काऊ व नफरत फैलाने वाले भाषण नहीं दिए है। इसलिए उनका पासपोर्ट रद्द करने का निर्णय नियमों के खिलाफ है। इसलिए उनके पासपोर्ट को रद्द करने के विदेश मंत्रालय के निर्णय को निरस्त किया जाए। 

ये है मामला

इससे पहले इस्लामिक उपदेशक डॉ. जाकिर नाइक पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने सत्र न्यायालय में आरोप पत्र दायर किया था। जिसमें नाइक पर साजिश के तहत भाषणों से धार्मिक विद्वेष फैलाने, युवकों को बरगलाने सहित समाज में तनाव फैलाने के आरोप लगे थे। तकरीबन 4000 पेज की चार्जशीट में एनआईए ने डॉ. जाकिर नाइक के साथ उनकी 2 कंपनियों को भी आरोपी बनाया। जिसमें पहली इस्लामिक रिसर्च फॉउंडेशन और दूसरी हारमोनी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड है। 

 

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