अनधिकृत ले-आउट और निर्माणकार्यों पर गिरेगी गाज
नागपुर अनधिकृत ले-आउट और निर्माणकार्यों पर गिरेगी गाज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) के कार्यक्षेत्र में अनधिकृत ले-आउट और निर्माणकार्यों पर गाज गिरना तय है। गुरुवार को एनएमआरडीए ने ऐसे हजारों अनधिकृत ले-आउट और निर्माणकार्य धारकों को महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगर रचना अधिनियम 1966 (एमआरटीपी एक्ट) की धारा 53 अंतर्गत नोटिस जारी किया गया है। कामठी तहसील में ही 324 अनधिकृत ले-आउट होने की जानकारी सामने आई है। ऐसे में नागपुर जिले में हजारों ऐसे अनधिकृत ले-आउट और निर्माणकार्य होने की जानकारी दी गई है। नोटिस में कहा गया कि अनधिकृत ले-आउट बना कर गलत तरीके से भूखंड कि बिक्री-खरीदी करना दखलपात्र अपराध है। ऐसे मामलों में एनएमआरडीए द्वारा अनधिकृत निर्माणकार्यों को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। एनएमआरडीए ने इस संबंध में अधिकृत ले-आउट की एक सूची भी अपनी वेबसाइट पर जारी की है। इस सूची में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उन्हें अनधिकृत मानकर एनएमआरडीए आने वाले दिनों में कार्रवाई करेगा। फिलहाल अनधिकृत भूखंड, मकान की खरीदी नहीं करने का आह्वान किया है।
हजारों लोगों ने किया है निवेश : शहर सीमा के बाहर एनएमआरडीए काम कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में शहर सीमा के बाहर तेजी से ले-आउटों की बाढ़ आ गई है। बिना एनएटीपी या अन्य आवश्यक मंजूरी लिए बिल्डरों ने ले-आउट बनाए हैं। ले-आउट बनाते समय पीयू लैंड पर भी कब्जा कर लिया। ले-आउट को मंजूरी नहीं होने से वहां सीवरेज सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पाईं। सड़क और पानी को भी लोग तरसते दिख रहे हैं। बिल्डरों ने लोकलुभावन योजनाओं के जरिये लोगों को आकर्षित किया है। ऐसे में बड़े पैमाने पर लोगों ने अनधिकृत ले-आउट में भूखंड और बने बनाए फ्लैट खरीद कर वहां अपना निवेश किया है। हजारों लोग रहने भी चले गए हैं। लोगों की शिकायतें सामने आ रही हैं। नासुप्र को एक मामले में कोर्ट के हंटर से एनएमआरडीए सतर्क हो गया है। उसने अपनी तरफ से पहल करते हुए उसके कार्यक्षेत्र में आने वाले सभी अनधिकृत ले-आउट और अनधिकृत निर्माणकार्य धारकों को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करने वालों की सूची हजारों में बताई गई है। कामठी तहसील में ही 342 अनधिकृत ले-आउट होने की जानकारी सामने आई है।
करना होगा नियमों का पालन
जिन्हें नोटिस दिया गया है, उन्हें यह साबित करना होगा कि उन्होंने सभी आवश्यक मंजूरी सहित अन्य काम नियमानुसार किए हैं। जैसे ले-आउट में खुली जगह (पीयू लैंड) छोड़ी गई है। सीवरेज की व्यवस्था की गई है। सड़कें बनी हैं। इसके अलावा जो आवश्यक सुविधा या नियम हैं, उनका पालन किया गया है। यह साबित करने के बाद उनके ले-आउट या निर्माणकार्य को नियमित करने पर विचार किया जाएगा। यह साबित नहीं होने पर उन पर कार्रवाई होगी।
अधिकृत ले-आउट में ही खरीदी करें
मनोज कुमार सूर्यवंशी, सभापति के मुताबिक एनएमआरडीए कार्यक्षेत्र में हजारों ले-आउट धारकों को नोटिस दिया गया है। नियमानुसार काम या सुविधाएं नहीं हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकृत ले-आउट धारकों की सूची वेबसाइट पर जारी की गई है। इसके बाहर जो हैं, वे सब अनधिकृत हैं। लोग भी खरीदी-बिक्री करते समय सूची का अवलोकन करें।