नागपुर की मंडी को सरकार बनाएगी स्मार्ट, परभणी को मिलेंगी 2 हजार करोड़ की योजनाएं 

नागपुर की मंडी को सरकार बनाएगी स्मार्ट, परभणी को मिलेंगी 2 हजार करोड़ की योजनाएं 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-11 14:12 GMT
नागपुर की मंडी को सरकार बनाएगी स्मार्ट, परभणी को मिलेंगी 2 हजार करोड़ की योजनाएं 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। डिजिटल तकनीक से किसानों के उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने नागपुर और सोलापुर की मंडियों को स्मार्ट मार्केट में बदलने का फैसला किया है। सहकारिता व विपणन मंत्री सुभाष देशमुख ने बुधवार को बताया कि फिलहाल इसे प्रायोगिक तौर पर शुरू किया जा रहा है। इसके जरिए कोशिश की जाएगी कि ग्राहकों तक सीधी पहुंच के जरिए किसान आर्थिक लाभ हासिल कर सकें। देशमुख ने कहा कि इस बाजार के जरिए किसानों के पास अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का विकल्प होगा।

ऑनलाइन व्यापार के चलते इसमें कोई बिचौलिया नहीं होगा और किसान दूसरे राज्यों में भी अपने उत्पाद बेंच सकेंगे। फिलहाल यह नागपुर और सोलापुर से शुरू हो रहा है लेकिन इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। नागार्जुन फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल कंपनी ने ‘आई किसान’ नाम  की वेबसाइट के जरिए मंत्रालय में खरीद बिक्री प्रक्रिया की जानकारी दी। इसमें समझाया गया कि कैसे किसान व्यापार के साथ-साथ यहां उत्पादन बढ़ाने के नए तरीके भी सीख सकते हैं। देशमुख ने कहा कि इसके जरिए तीसरी पीढ़ी के व्यापारियों को एक मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। 

परभणी को मिलेंगी 2 हजार करोड़ की योजनाएं 
प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर परभणी को लगभग 2 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात देने जा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत अन्य मंत्रियों की मौजूदगी में 19 अप्रैल को विभिन्न परियोजनाओं का ई-भूमिपूजन और ई-लोकार्पण होगा। साथ ही परभणी में आयोजित समाधान शिविर का समापन होगा। परभणी के स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 2 लाख से अधिक लोग शामिल होंगे।

बुधवार को मंत्रालय में प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। लोणीकर ने बताया कि परभणी में 1 हजार 79 करोड़ 2 लाख रुपए की परियोजनाओं का ई-भूमिपूजन किया जाएगा। साथ लगभग 18 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का ई-लोकार्पण होगा। लोणीकर ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय महामार्ग की लंबाई बढ़ाने के लिए 702 करोड़ 57 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। राष्ट्रीय महामार्ग परभणी-गंगाखेड, कोल्हा-नासारत्पुर, पाथरी- सेलू-देवगांव फाटा का विस्तार किया जाएगा। नाबार्ड की आर्थिक मदद से 19 करोड़ 31 लाख रुपए खर्च कर सड़कों की मरम्मत होगी।

पाथरी तहसील में केकर जवला- वाघाला मुदगल, सोनपेठ तहसील में नरवाडी-अवलगाव-वंदन-हरंगुल, गंगाखेड़ तहसील में बडबनी-बोर्ड-पिंपलदरी सड़क का मरम्मत किया जाएगा। जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 77 करोड़ 99 लाख 59 हजार रुपए मंजूर किए गए हैं। मुख्यमंत्री कृषि सौर योजना के लिए 20 करोड़, बिजली के 33 केवी सब स्टेशन के काम के लिए 45 करोड़, सौभाग्य योजना के लिए 55 करोड़, अमृत जलापूर्ति योजना के लिए 108 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 12 करोड़ 50 लाख, जिला परिषद जलापूर्ति योजना के तहत काम के लिए 50 करोड़, पालम में 65 गांव ग्रीड जलापूर्ति योजना के लिए 56 करोड़ 64 लाख रुपए मंजूर हुए हैं।

लोणीकर ने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना और 33 के वी इन्फ्रा -2 अंतर्गत 18 करोड़ रुपए परियोजना का ई-लोकार्पण होगा। इसमें जिंतूर, पूर्णा, सोनपेठ, जिंतूर, पुर्णा, पाथरी तहसील की परियोजनाओं का समावेश है। लोणीकर ने कहा कि परभणी में सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ जरूरमदों तक पहुंचाने के लिए समाधान शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर के जरिए परभणी की 9 तहसीलों में विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए 1 लाख 25 हजार 39 लोगों ने आवेदन दिए थे। जिसमें से 1 लाख 14 हजार 7 लाभार्थियों का आवेदन मंजूर किया गया है। जबकि जालना की 5 तहसीलों में 1 लाख 93 प्राप्त आवेदनों में से 1 लाख 75 हजार 125 लाभार्थियों को योजनाओं का फायदा पहुंचा है। 

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