नागपुर: आर्थिक आंकड़े छुपा रही मनपा, 2 साल से नहीं बन पाई रिपोर्ट

नागपुर: आर्थिक आंकड़े छुपा रही मनपा, 2 साल से नहीं बन पाई रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-17 11:58 GMT
नागपुर: आर्थिक आंकड़े छुपा रही मनपा, 2 साल से नहीं बन पाई रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगर पालिका की आर्थिक स्थिति लड़खड़ाई हुई है। पिछले कुछ वर्षों से अनेक विकासकार्य ठप हैं। फंड नहीं होने की वजह से बिलों का भुगतान नहीं हो पाया है। इस प्रकार की खबरें सुर्खियाें में रही हैं। डीबी स्टार द्वारा मनपा की माली हालत की सच्चाई जानने का प्रयास किया गया, तो पता चला कि पिछले दो वर्ष का हिसाब-किताब ही नहीं है। अर्थात मनपा का वार्षिक स्थिति विवरण (बेलेंस शीट) ही तैयार नहीं हैं। मनपा की वेबसाइट यही दर्शाती है। इस वेबसाइट पर आर्थिक रिपोर्ट 2017-18 की प्रदर्शित है। इस मामले में जब प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी (प्रभारी) हेमंत ठाकरे से जानकारी लेने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वार्षिक अार्थिक रिपोर्ट बनी या नहीं इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। वे केवल बजट तैयार करते हैं। लेखाधिकारी राजेश मेश्राम ने दावा किया कि हर साल का आर्थिक विवरण तैयार है। जब उनसे वर्ष 2019-20 का आर्थिक विवरण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह विवरण तैयार ही नहीं हुआ है। वे 2018-19 का आर्थिक विवरण भी पेश नहीं कर सके। उन्होंने दलील दी कि संबंधित अधिकारी छुट्‌टी पर हैं।

संदेह के घेरे में कार्यप्रणाली 
पिछले कुछ माह में मनपा के लेखा व वित्त विभाग की अनेक खामियां उजागर हुई हैं। इस विभाग द्वारा जारी चेक बाउंस हाेने की घटना से मनपा की साख पर बट्‌टा लगा है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा वार्षिक आर्थिक विवरण उपलब्ध न होने की बात कहे जाने से इस विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस विभाग के कुछ कर्मचारी कोरोना संक्रमण के शिकार हैं, जिसके कारण काम नियमित रूप से नहीं हो पा रहा है। हैरानी की बात यह है कि एक ओर सभी वर्षों का लेखा-जोखा तैयार होने का दावा किया जा रहा है, तो दूसरी ओर वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी बयां कर रही कि पिछले तीन वर्ष का लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है।

आय-व्यय विवरण पत्रक के बगैर बजट बना रहे
लेखाधिकारी राजेश मेश्राम के मुताबिक नागपुर महानगर पालिका के लेखा विभाग द्वारा अब तक वर्ष 2019-20 का आर्थिक विवरण पत्रक तैयार ही नहीं किया जा सका है। बगैर आय-व्यव विवरण पत्रक के आगामी वर्ष का बजट तैयार करना बेहद मुश्किल है। सूत्र यह भी बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से लेखा विभाग के अधिकारी आगामी वित्त वर्ष का बजट तैयार करने में लगे हुए हैं। इसके लिए बैठकों का दौर भी शुरू है।

शहर में हुए कई बदलाव
नागपुर महानगर पालिका की वेबसाइट पर आर्थिक स्टेटमेंट में वर्ष 2017-18 का ब्योरा प्रदर्शित किया गया है। इस ब्योरे के मुताबिक महानगर पालिका की कुल आय 189461.10 (लाख) व खर्च 184395.66 (लाख) है। इस हिसाब से मनपा के पास 21554.62 लाख रुपए जमा है, जबकि मनपा का खजाना खाली होने की बात कही जा रही है। जब तक लेखा विभाग द्वारा वर्तमान आर्थिक स्थिति का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया जा सकता तब तक मनपा की वास्तविक आर्थिक स्थिति का पता लगा पाना असंभव है। दूसरी ओर पिछले तीन वर्ष में शहर में अनेक बदलाव हुए हैं। घरों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में कर के रूप में होने वाली आय में भी कई गुना का इजाफा हुआ है। कुछ मदों पर मनपा को आर्थिक नुकसान भी हुआ है। इस प्रकार आय व नुकसान के आंकड़ों को छिपाने के लिए ही कदाचित वेबसाइट पर आर्थिक विवरण को अपडेट नहीं किया गया है।

मुझे जानकारी नहीं है
वेबसाइट पर तीन वर्ष पुराना आर्थिक विवरण पत्र होने की जानकारी मुझे नहीं है। हम केवल बजट तैयार करते हैं। बजट के मामले में आप हमसे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वर्ष 2019-20 का आर्थिक विवरण पत्रक तैयार है अथवा नहीं इसकी जानकारी हमें नहीं है।  - हेमंत ठाकरे, प्रमुख लेखा व वित्त अधिकारी, मनप

अधिकारी छुट्‌टी पर है
लेखा व वित्त विभाग में कार्यरत कुछ कर्मचारी कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। वह छुट्‌टी पर है। जिस अधिकारी के पास आर्थिक विवरण पत्रक का ब्योरा सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है वह भी छुट्‌टी पर है। कर्मचारियों की कमी के चलते ही वेबसाइट पर डेटा अपलोड नहीं किया गया है। वर्ष 2018-19 का आर्थिक विवरण पत्रक तैयार है। अधिकारी के काम पर लौटते ही यह विवरण पत्रक उपलब्ध कराया जाएगा। - राजेश मेश्राम, लेखाधिकारी, मनपा

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