जनवरी तक टलेगा नैक का मूल्यांकन, यूनिवर्सिटी ने एसएसआर रिपोर्ट नहीं भेजी

जनवरी तक टलेगा नैक का मूल्यांकन, यूनिवर्सिटी ने एसएसआर रिपोर्ट नहीं भेजी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-23 10:51 GMT
जनवरी तक टलेगा नैक का मूल्यांकन, यूनिवर्सिटी ने एसएसआर रिपोर्ट नहीं भेजी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी का नैक मूल्यांकन जनवरी माह तक टलेगा।  कारण है कि, यूनिवर्सिटी की नैक को अब तक  एसएसआर रिपोर्ट नहीं भेजी है। कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे का दावा है कि, यूनिवर्सिटी ने 80 प्रतिशत रिपोर्ट तैयार कर ली है, बस रिपोर्ट की फिनिशिंग का काम बाकी है। तय प्रक्रिया के अनुसार यूनिवर्सिटी जब यह रिपोर्ट नैक को भेजेगा, इसके करीब दो माह में नैक अपनी एक टीम को विवि के निरीक्षण के लिए भेजेगा।

डॉ. काणे के अनुसार यूनिवर्सिटी  हर हाल में दिसंबर माह तक नैक को रिपार्ट भेज कर निरीक्षण के लिए आमंत्रित करेगा। ऐसे में मूल्यांकन के लिए जनवरी माह को लक्ष्य पर  रखा जा रहा है। बता दें कि, विविध कारणों की वजह से यूनिवर्सिटी एसएसआर रिपोर्ट तैयार करने में देर हुई। इसकी मुख्य वजह रही कि, नागपुर यूनिवर्सिटी के विविध विभागों ने बीते दिनों जो आईक्यूएसी सेल को रिपोर्ट भेजी, उसमें कई खामियां निकलीं। दरअसल, आईक्यूएसी सेल विवि के हर शैक्षणिक विभाग से प्रत्येक तीन माह में रिपोर्ट मंगाता है। कुल विद्यार्थी, दिव्यांग विद्यार्थी, छात्रवृत्ति के लाभार्थी, उपस्थिति, कार्यक्रम, कॉन्फ्रेंस और विविध जानकारियां देनी होती हैं। कई विभागों की िरपोर्ट में खामियां निकल कर आई हैं। पहले तीन माह  की रिपोर्ट में बताई गई विद्यार्थी संख्या और अगले तीन माह की रिपोर्ट में बताई गई विद्यार्थी संख्या में अंतर निकल रहा है। ऐसे में कई विभागों की िरपोर्ट बार-बार लौटाई जा रही है।

रिपोर्ट के डेटा को पुख्ता करने के लिए नागपुर विवि का आईक्यूएसी सेल एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है। वहीं एसएसआर रिपोर्ट में देरी का मुख्य कारण यह भी है कि, नैक ने यूनिवर्सिटी से सारी जानकारी सबूतों के साथ मांगी है। यदि, किसी कॉन्फ्रेंस की जानकारी दी गई है, तो जियो टैगिंग के साथ उसकी तस्वीर जमा करानी होती है। विद्यार्थियों की प्लेसमेंट रिपोर्ट देनी हो, तो विद्यार्थी किस कंपनी मंे नौकरी कर रहा है, उस कंपनी की विस्तृत जानकारी भी देनी होती है। इतनी विस्तृत जानकारी देने में विभाग प्रमुखों के पसीनें छूट रहे हैं। कई विभाग प्रमुख इस पर आईक्यूएसी सेल को सहयोग करते नजर नहीं आ रहे हैं। तमाम मुश्किलों के बाद अब नागपुर विवि 80 प्रतिशत रिपोर्ट तैयार होने का दावा कर रहा है।

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