एक साल बाद मेयो में एमआरआई मशीन इंस्टॉल , मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा मेडिकल
एक साल बाद मेयो में एमआरआई मशीन इंस्टॉल , मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा मेडिकल
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में सीटी स्कैन की जांच दिसंबर 2018 से बंद पड़ी थी। दुर्घटना में घायल और बीमार मरीजों को लगने वाली सीटी स्कैन की जांच के लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) रेफर किया जाता है। सीटी स्कैन मशीन शुरू होने में करीब एक माह और लगने की उम्मीद जताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मेयो में एमआरआई की मशीन के साथ ही सीटी स्कैन और डिजिटल सब्ट्रैक्शन मशीन (डीएसए) के लिए श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट शिर्डी ने अनुदान दिया था। इसके बाद नियमों को लेकर खरीदी प्रक्रिया बीच में ही अटक गई थी। हालांकि बाद में सारी प्रक्रिया पूरी कर मशीनों की खरीदी की गई। इसके बाद मेयो में एमआरआई मशीन को इंस्टॉल कर दिया गया। ट्रायल के बाद अब नियमित रूप से मरीजों की एमआरआई की जांच होने लगी, जिससे अब एमआरआई की जांच के लिए मरीजों को मेडिकल रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
नहीं करना पड़ेगा रेफर
मेयो में भले ही एमआरआई की जांच होने लगी है, लेकिन सीटी स्कैन की जांच के लिए मेयो अब भी मेडिकल पर आश्रित है। मेयो की मशीन काफी पुरानी होने की वजह से ऑउटडेटेड हो गई थी। लगातार ट्यूब खराब होने के बाद अपडेटेड सीटी स्कैन मशीन इंस्टॉल करने का काम चल रहा है। एक माह में मशीन इंस्टॉल हो जाएगी जिसके बाद मरीजों को जांच के िलए मेडिकल नहीं भागना पड़ेगा।
करना पड़ता है लंबा इंतजार
मेडिकल, ट्रॉमा केयर सेंटर और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तीन सीटी स्कैन मशीन हैं। इसके बाद भी वहां वेटिंग लिस्ट के कारण मरीजों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ता है। उसके उल्ट मेयो में फिलहाल एक मशीन है, जिसको इंस्टॉल किया जा रहा है। इस वजह से मेयो में पहुंचने वाले मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है और लंबी वेटिंग के चलते कई बार मरीज बाहर से जांच करवाने के लिए मजबूर हो जाते हैं।