100 से अधिक बैल जोड़ी बिना प्रदर्शन लौटीं, नहीं मिली अनुमति
शंकरपट 100 से अधिक बैल जोड़ी बिना प्रदर्शन लौटीं, नहीं मिली अनुमति
डिजिटल डेस्क, भंडारा। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य में शंकरपट पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। प्रतिवर्ष बसंत पंचमी पर जिले के पिंपलगांव/स. में होनेवाले शंकरपट के प्रांगण में लगभग 100 से अधिक बैल जोड़ियां पहुंची थी। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार, 4 जनवरी को कोरोना संक्रमण के चलते पिंपलगांव/स. के पट समिति को शंकरपट के आयोजन की अनुमति नकार दी, जिससे उत्साहित नागरिकों को बेरंग लौटना पड़ा। इस बीच गैरकानूनी तरीके से शंकरपट का आयोजन न हो, इसके लिए लाखनी के तहसीलदार महेश शितोले तथा लाखनी थाने के पुलिस निरीक्षक मनोज वाढीवे शनिवार को घंटों तक पिंपलगांव के शंकरपट के प्रांगण में बने रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य में शंकरपट पर लगे प्रतिबंध को हटाने के बाद से अनेक स्थानों पर शंकरपट के आयोजन हो रहे है। इसी तरह पिंपलगांव/स. के पट समिति ने प्रशासन के पास शुल्क जमा कर आयोजन की अनुमति मांगी थीं। पहले से आयोजन की तैयारी चलते दूर-दूर से यहां पर लगभग 100 से अधिक बैल जोड़ियां पहंुची थी। लेकिन प्रशासन ने कोरोना का हवाला देकर आयोजन की अनुमति नकार दी। यहां बता दें कि पिंपलगांव/ स. में शंकरपट की शुरुआत बसंत पंचमी पर चिंतामण घारपुरे ने की थी। लेकिन वर्ष 2014-15 में सर्वोच्च न्यायालय ने शंकरपट पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अब शंकरपट के आयोजन का प्रतिबंध हटाए जाने पर अब फिर से अनुमति मिली है। जिसके चलते स्थानीय स्तर पर पिंपलगांव/स. के नागरिकों ने एकजुट होकर पट समिति की स्थापना की। समिति के अध्यक्ष के रूप में शुभम मेंढे, उपाध्यक्ष कमाने, सचिव रामेश्वर कमाने ने 5 व 6 फरवरी को शंकर पट बिना तुतारी के नकद पुरस्कार राशि के साथ आयोजित किया। आयोजकों ने जिला प्रशासन से इसके लिए अनुमति मांगते हुए शुल्क जमा किया। लेकिन जिला प्रशासन ने 4 जनवरी की शाम को शंकर पट की अनुमति नाकारी। इससे उत्साहित नागरिकों तथा पट शौकिनों को निराशा का सामना करना पड़ा।फिर भी कुछ नागरिक जबरदस्ती पट का आयोजन करने की कोशिश कर रहे थे। उस समय तहसीलदार महेश शितोले, पुलिस निरिक्षक मनोज वाढीवे, सहायक पुलिस निरिक्षक संजय कोरचे, मंडल अधिकारी वराडे, पटवारी मयूर पाटील यह पट के प्रांगण पर पहंुचकर सभी से शांतता व सुव्यवस्था बनाए रखने का आह्वान किया। इस समय गांव के सरपंच संगीता उईके, उप सरपंच उमेश कमाने, ग्रापं सदस्य बाला शिवणकर, पट समिति अध्यक्ष शुभम मेंढे समेत गांव के प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित थे।
इस समय लगभग 100 से अधिक बैल जोडियों का बिना प्रदर्शन के वापिस लौटना पड़ा।