मराठवाड़ा में मानसून की बेरुखी, 314 टैंकरों से की जा रही जलापूर्ति  

मराठवाड़ा में मानसून की बेरुखी, 314 टैंकरों से की जा रही जलापूर्ति  

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-08 13:11 GMT
मराठवाड़ा में मानसून की बेरुखी, 314 टैंकरों से की जा रही जलापूर्ति  

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ, पश्चिम महाराष्ट्र और कोंकण सहित दूसरे जगहों पर दमदार बारिश हो रही है पर मराठवाड़ा को अभी अच्छी बरसात का इंतजार है। इस कारण मराठवाड़ा वासियों को अब भी जलापूर्ति के लिए टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। संभाग में फिलहाल 314 टैंकरों से पीने के पानी की जलापूर्ति की जा रही है। राज्य में सबसे अधिक टैंकर मराठवाड़ा में लगे हैं। जबकि पिछले साल 2017 में जुलाई के पहले सप्ताह में मराठवाड़ा टैंकर मुक्त हो चुका था। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि संभाग में बारिश न होने का असर कितना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार के जलापूर्ति व स्वच्छता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य भर में 861 टैंकरों से जलापूर्ति हो रही है।

इसमें 132 सरकारी और 729 निजी टैंकर शामिल हैं। जबकि पिछले साल इस दौरान केवल 497 टैंकरों की जरूरत पड़ी थी। जलापूर्ति विभाग के मुताबिक राज्य के 896 गांवों और 667 बस्तियों में पानी के लिए टैंकरों का उपयोग हो रहा है। उत्तर महाराष्ट्र में 240 टैंकर शुरू हैं। जिसमें नाशिक के 88 गांव और 181 बस्तियों में 67 टैंकर, धुलिया के 14 गांवों में 11 टैंकर, जलगांव के 124 गांवों में 100 टैंकर, अहमदनगर के 58 गांवों और 192 बस्तियों में 62 टैंकरों की जरूरत पड़ रही है।

नागपुर विभाग में कुल 39 टैंकर लगे हुए हैं जिसमें नागपुर जिले के 37 गांवों में 38 टैंकरों का इस्तेमाल हो रहा है। वर्धा के 4 गांवों में 1 टैंकर का उपयोग हो रहा है। अमरावती विभाग में 238 टैंकरों की जरूरत पड़ रही है। अमरावती के 19 गांवों में 13 टैंकर, अकोला के 57 गांवों में 42 टैंकर, वाशिम में 21 टैंकर, बुलढाणा में 91 और यवतमाल में 71 टैंकरों से जलापूर्ति हो रही है। जबकि पश्चिम महाराष्ट्र के 5 जिलों में केवल 30 टैंकरों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। 

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