एनएसए में मोखा को तीन माह की जेल, गुजरात पुलिस का शहर में डेरा
एनएसए में मोखा को तीन माह की जेल, गुजरात पुलिस का शहर में डेरा
डिजिटल डेस्क जबलपुर। नकली रेमडेसिविर मामले के मुख्य आरोपी सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को ओमती पुलिस द्वारा बुधवार को जिला दंडाधिकारी कोर्ट में पेश किया गया जहाँ से उसे जेल भेजा गया है। पुलिस द्वारा मोखा के एनएसए वारंट की तामीली भी कराई गई है जिससे उसे तीन माह तक जेल में रहना होगा। उधर गुजरात पुलिस की टीम नकली इंजेक्शन गिरोह के मास्टर माइंड सुनील व दवा सप्लायर सपन को लेकर जबलपुर पहुँची। गुजरात पुलिस शहर में डेरा डाले हुए है और अस्पताल कर्मी देवेश को गिरफ्तार कर गुजरात ले जाने की तैयारी में है। वहीं एसआईटी के सामने सपन ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
ज्ञात हो कि शहर में नकली रेमडेसिविर खपाए जाने का मामला उजागर होने पर ओमती पुलिस द्वारा सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत िसंह मोखा व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होते ही बीमारी का बहाना बनाकर मोखा को अस्पताल से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी मोखा से एसआईटी अधिकारियों द्वारा घंटों पूछताछ की गई और बुधवार की सुबह उसे कोर्ट में पेश किया गया जहाँ से उसे जेल भेजा गया। मोखा को जेल पहुँचाए जाने के दौरान एनएसए वारंट की तामीली कराई गई वहीं जेल में बंद सिटी अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया से जेल में एनएसए वारंट की तामीली कराई गई है।
-मास्टर माइंड को लाई गुजरात पुलिस
जबलपुर आई गुजरात पुलिस अपने साथ नकली इंजेक्शन बेचने वाले गिरोह के मास्टर माइंड रीवा निवासी सुनील मिश्रा व एक अन्य आरोपी सपन जैन को लेकर आई है। यहाँ दोनों आरोपियों की उपस्थिति में स्थानीय पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में प्रकरण में दर्ज की गई एफआईआर व अन्य दस्तावेजों व आरोपियों के बयानों की बारीकी से जाँच की जा रही है।
एडीजी ने की एसआईटी से चर्चा
सूत्रों के अनुसार नकली इंजेक्शन मामले को लेकर एडीजी विपिन माहेश्वरी जबलपुर पहुँचे और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा की। पुलिस कंट्रोल रूम पहुँचकर उन्होंने एसआईटी अधिकारियों से मिलकर इस प्रकरण में की गई कार्रवाई की, इसमें कौन-कौन शामिल हैं इसकी जानकारी हासिल की।
मोखा की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव
कोर्ट से सुबह मोखा को जेल गेट पहुँचाया गया था वहाँ उसकी तलाशी लेने के बाद उसे जेल की आइसोलेशन बैरक में पहुँचा दिया गया था। उधर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद मोखा का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया था जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
-जबलपुर पहुँचे 5 सौ नकली इंंजेक्शन
सूत्रों के अनुसार गुजरात पुलिस की हिरासत में जबलपुर लाए गये दवा सप्लायर से यहाँ एसआईटी ने पूछताछ की जिसमें सपन ने कबूल किया कि इंदौर से कुल 5 सौ इंजेक्शन जबलपुर पहुँचे थे। इसमें से उसने 465 इंजेक्शन की डिलेवरी सिटी अस्पताल में की थी वहीं 35 इंजेक्शन अपने पास रख लिए थे। सपन ने 35 इंजेक्शन किसे बेचे हैं इसकी पतासाजी की जा रही है।
तिलवारा पुल से फेंके 35 इंजेक्शन
जानकारों के अनुसार पूछताछ में एसआईटी व गुजरात पुलिस को सपन द्वारा गुमराह किया जा रहा है। उससे 35 इंजेक्शन का हिसाब पूछे जाने पर उसने सभी इंजेक्शन तिलवारा पुल से नर्मदा नदी में फेंकने की बात कही। इस जानकारी की पुष्टि करने पुलिस उसे तिलवारा लेकर पहुँची लेकिन सपन के द्वारा दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं होना बताया जा रहा है।
डूब गए 15 लाख रुपये
जानकारों के अनुसार पूछताछ में सपन ने इस बात का खुलासा किया है कि इंजेक्शन की डिलेवरी होने के बाद मोखा ने उससे कहा था कि फैक्ट्री कर्मी सुनील मिश्रा को 15 लाख रुपये का भुगतान कर दे। यह रकम वह जल्दी ही उसे दे देेगा। इस बीच इंदौर में नकली रेमडेसिविर का मामला उजागर हो गया और सुनील के पकड़े जाने के कारण सपन के 15 लाख रुपये डूब गए।
सभी पहलुओं पर होगी जाँच
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में अस्पताल संचालक मोखा को कोर्ट में पेश किया गया और उसके एनएसए वारंट की तामीली कराकर जेल भेजा गया है। वहीं जाँच के लिए गुजरात पुलिस की टीम जबलपुर पहुँची है जो स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सभी पहलुओं की जाँच कर रही है।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी