बगैर आवेदन दिए शिवसेना विधायक का नाम कर्जमाफी की सूची में हुआ शामिल

बगैर आवेदन दिए शिवसेना विधायक का नाम कर्जमाफी की सूची में हुआ शामिल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-15 17:35 GMT
बगैर आवेदन दिए शिवसेना विधायक का नाम कर्जमाफी की सूची में हुआ शामिल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कर्जमाफी की ऑनलाइन प्रक्रिया में कमी के आरोपों के बीच गड़बड़ी का मामला सामने आया है। शुक्रवार को विधानसभा में शिवसेना के विधायक प्रकाश आंबेकर ने बताया कि कर्जमाफी के लिए उन्होंने आवेदन नहीं किया है। फिर भी लाभार्थी सूची में उनका नाम है। नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि गड़बड़ी की कई शिकायतें हैं। उस्मानाबाद में तो एक दसवीं के विद्यार्थी को किसान कर्जमाफी का लाभार्थी मानते हुए उसके खाते में 10 हजार रुपये जमा कराए गए हैं। शिवसेना विधायक आंबेकर ने कहा कि उनका नाम लाभार्थी सूची में पाया गया है। 25 हजार रुपए का लाभार्थी बताया गया है।

कर्जमाफी की ऑनलाइन प्रक्रिया में गड़बड़ी

मुख्यमंत्री ने पहले ही कहा है कि कर्जमाफी लाभार्थी योजना में विधायक या अन्य पदाधिकारी को शामिल नहीं किया जाना है। आंबेकर के अनुसार वे भी नहीं जानते हैं कि उनका नाम लाभार्थी सूची में कैसे शामिल हो गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्जमाफी की ऑनलाइन प्रक्रिया में कई गड़बड़ी है। उस्मानाबाद के दसवीं के विद्यार्थी प्रज्वल जाधव के नाम पर कर्जमाफी के 10 हजार रुपये जमा हुए हैं। राकांपा सदस्य जयंत पाटील ने कहा कि कर्जमाफी योजना में बोगस लाभार्थी की यह स्थिति है कि विधानसभा में भी लाभार्थी बैठे हैं। सरकार ने कर्जमाफी लाभार्थी सूची में सुधार करना चाहिए।

मुद्दे पर विपक्ष ने सीएम को घेरा 

आपको बता दें किसान कर्जमाकी के आंकड़ों पर बहस की मांग को लेकर विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा किया था। इसके जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि किसानों की स्थिति के लिए विपक्ष ही जिम्मेदार हो। उन्होंने कहा था, "मैं हजार रुपए के स्टांप पर लिखकर देने को तैयार हूं कि सरकार ने कर्जमाफी को लेकर जो आंकड़े दिए, उनमें कोई गड़बड़ी नहीं है। इसपर कांग्रेस ने कहा था कि कर्जमाफ करने को लेकर सरकार का दावा निराधार है। कर्जमाफ करने के बोगस प्रमाण-पत्र सरकार ने दिए। लाभार्थी किसान के आंकड़े भी बोगस हैं। नेता प्रतिपक्ष ने सदन में स्टांप पेपर लहराते हुए कहा था कि मैं 100 रुपए का स्टांप लेकर आया हूं। मुख्यमंत्री लिखकर दें कि कर्जमाफी के आंकड़े सही हैं।

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