मुंबई में ही रहेगा वस्त्रोद्योग मंत्रालय, कुछ अधिकारी ही भेजे गए दिल्ली

फडणवीस की सफाई मुंबई में ही रहेगा वस्त्रोद्योग मंत्रालय, कुछ अधिकारी ही भेजे गए दिल्ली

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-21 15:32 GMT
मुंबई में ही रहेगा वस्त्रोद्योग मंत्रालय, कुछ अधिकारी ही भेजे गए दिल्ली

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वस्त्रोद्योग मंत्रालय मुंबई से दिल्ली स्थानांतरित करने के विपक्ष के आरोपों को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरासर गलत बताया है। उन्होंने कहा कि केवल वस्त्रोद्योग आयुक्त और पांच अन्य अधिकारियों को दिल्ली आने को कहा गया है। मंगलवार को औचित्य के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्रीय वस्त्रोद्योग मंत्रालय ने मुंबई का वस्त्रोद्योग आयुक्तालय दिल्ली स्थानांतरित करने का फैसला किया है यह एक गंभीर मामला है। इसके जरिए मुंबई और महाराष्ट्र का महत्व कम करने की कोशिश है। जयंत पाटील ने यह कहते हुए तंज कसा कि अगर दिल्ली से ऐसी कोशिश हो रही है तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को इस कोशिश को असफल कर देना चाहिए। जवाब में उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि केंद्र सरकार ने मुंबई से वस्त्रोद्योग आयुक्तालय कार्यालय दिल्ली ले जाने का निर्णय नहीं लिया है। केवल वस्त्रो द्योग आयुक्त और 5 अधिकारियों को दिल्ली आने को कहा गया है। वस्त्रोऔद्योग मंत्रालय के पुनर्गठन और इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इस आयुक्तालय में 500 अधिकारी-कर्मचारी काम करते हैं। ऐसे में संपूर्ण आयुक्तालय को दिल्ली ले जाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है।

आनंद के दिन बुरी खबर-आव्हाड

मामले में राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बुधवार को गुढीपाडवा है और यह मराठी लोगों के आनंद की बात है। मराठी लोग इस दिन से नए साल की शुरुआत करते हैं, लेकिन आनंद के दिवस मुंबई के लिए दुख की बात भी है। इसकी वजह यह है कि मुंबई को मैनचेस्टर कहा जाता था। यह मुंबई का ऐतिहासिक महत्व था। मुंबई कपड़ा उद्योग में अग्रणी थी, इसलिए यहां वर्ष 1943 में वस्त्रोद्योग आयुक्तालय की स्थापना की गई। इस आयुक्तालय को अब दिल्ली स्थानांतरित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे मुंबई को कमजोर करने की योजना बना रही है। प्रदेश कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने भी कुछ इसी तरह की टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि वस्त्रोद्योग आयुक्तालय का कार्यालय 1943 से मुंबई में है, उसे दिल्ली ले जाया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से मुंबई के महत्व को लगातार कम करने का प्रयास किया जा रहा है। 

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