सिर्फ बिजली का ही खर्च निकाल पा रही मेट्रो ,अच्छे रेवेन्यू का इंतजार
सिर्फ बिजली का ही खर्च निकाल पा रही मेट्रो ,अच्छे रेवेन्यू का इंतजार
डिजिटल डेस्क,नागपुर। माझी मेट्रो शुरू होकर महीनों हो गए हैं, लेकिन इसके संचालन से अच्छा रेवेन्यू नहीं मिल पा रहा है। यात्रियों की कमी के कारण मेट्रो को बिजली का बिल भी निकालना मुश्किल हो रहा है। आंकड़ों की बात करें तो वर्तमान में मेट्रो को चलाने के लिए प्रति महीना 6 लाख से ज्यादा रुपए की बिजली खर्च हो रही है, लेकिन इस अनुपात में मेट्रो प्रशासन को टिकट बिक्री से ज्यादा मुनाफा नहीं मिल रहा है। टिकट बिक्री से लगभग इतने ही रुपए की कमाई हो रही है। भविष्य में बर्डी से शहर के चारों दिशा में मेट्रो का संचालन किया जानेवाला है। युद्धस्तर पर काम भी शुरू है। वर्तमान में बर्डी से खापरी के लिए मेट्रो चलाई जा रही है। हर महीने इसमें नए-नए विकास किए जा रहे हैं, लेकिन अधूरे स्टेशन व मेट्रो की कम रफ्तार यात्रियों को पूरी तरह से आकर्षित नहीं कर पा रही है। इस कारण मेट्रो की टिकट बिक्री बहुत कम हो रही है।
हर दिन 2200 यूनिट बिजली खपत
फिलहाल सुबह 8 से रात 8 तक दो दर्जन से ज्यादा बार मेट्रो बर्डी से खापरी के बीच चक्कर लगाती है। ऐसे में प्रति दिन इन गाड़ियों को खींचने के लिए ओएचई में 2200 यूनिट लगते हैं। प्रति यूनिट 10 से 11 रुपए का है। ऐसे में प्रति महीना 6 लाख 60 हजार रुपए इसे चलाने में खर्च हो रहे हैं। वहीं, औसतम एक महीने की मेट्रो की टिकट बिक्री से अर्निंग देखें तो साढ़े 6 लाख के लगभग है।
अधूरे स्टेशन मुख्य कारण
वर्तमान स्थिति में रीच-1 यानी बर्डी से खापरी तक मेट्रो की सुविधा यात्रियों को मिल रही है, लेकिन अभी तक यहां पूरे स्टेशन शुरू नहीं हो सके हैं। उज्ज्वल नगर, जयप्रकाश नगर, छत्रपति नगर, अजनी, रहाटे कॉलोनी व कांग्रेस नगर स्टेशन अब भी बंद है। इससे भी यात्री कम मिलने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है।
प्रयास जारी है हमारा रेवेन्यू केवल टिकट बिक्री से नहीं है। ऐसे में इससे ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ता है। रेवेन्यू बढ़ाने के लिए हमारी ओर से लगातार प्रयास जारी है। - बृजेश दीक्षित, व्यवस्थापकीय संचालक, महामेट्रो