बांस की झोपड़ी को बनाया मातारानी का दरबार, दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

भक्ति बांस की झोपड़ी को बनाया मातारानी का दरबार, दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-11 13:04 GMT
बांस की झोपड़ी को बनाया मातारानी का दरबार, दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

डिजिटल डेस्क,आर्वी। स्थानीय वल्लीसाहेब वार्ड के साई मित्र दुर्गा उत्सव समिति द्वारा दुर्गा उत्सव के दौरान गत १२ वर्षो से विविध प्रकार की सजावट की जाती है। इस वर्ष भी कम खर्च में आकर्षक बांस के घास की झोपडी बनाई है। यह बांस की झोपडी माता के दरबार में दर्शन के लिए आने वाले भक्तो का आकर्षण का केंद्र बनी है। यह बांस की झोपडी देखने के लिए शहर परिसर के नागरिको की रोजाना भीड रहती है। साथ ही यहा आने वाले भक्तो की ओर से आरती व दर्शन लेते समय आयोजको की मदद से कोरोना के नियमो का पालन कर विविध प्रकार का प्रसाद का वितरण किया जाता है। इस दौरान यहा नागरिको की भीड नही हो इस के लिए साई मित्र दुर्गा उत्सव मंडल के सभी सदस्य उपस्थित रहकर कोरोना के नियमो का पालन कर सावधानी बरतते है। यह बांस की झोपडी बनाने के लिए नीलेश लाडके, वैभव सव्वालाखे, संजय मेंद्रे, मंगेश लाडके, राहूल राठी, मुकेश मस्के, रोशन उराडे, सचिन देशकर, लोकेश थोरात, अतुल जिरापुरे, शुभम इंगले, शुभम शिरभाते, वेदांत देशकर, हर्षल पवार, नंदू दलवी, उमेश थोरात, धिरेन सव्वालाखे, चेतन उराडे, जीवन उराडे, यज्ञेश थोरात, साई मेंद्रे, गणेश शेलके तथा मंडल के सभी सदस्यों ने बडा परिश्रम किया है।

मां भवानी ने दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़ 

बाभुलगांव (यवतमाल) | तहसील के कोटंबा के समीप स्वयंभु प्रकट हुई मां भवानी  कईयों की कुलदैवत है। नवरात्रि और चैत्र माह में यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। उस्मानाबाद, बीड़, लातुर, पुणे, अचलपुर, वर्धा, नागपुर, रामटेक, पवनार आदि से श्रद्धालु यहां पहुुंचते हैं। गत 380 वर्ष से इस मंदिर के यहां होने की जानकारी है। भवानी मंदिर में रोज भजन आयोजित किए जाते है। मंदिर तक आने का रास्ता खेतों से होकर जाता है। यवतमाल से 19 कि.मी. दूर तो बाभुलगांव से 9 कि.मी. दूरी पर यह मंदिर है। 

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