एनएचआरसी की लघु फिल्म प्रतियोगिता में मराठी चिरभोग को प्रथम पुरस्कार
उपलब्धि एनएचआरसी की लघु फिल्म प्रतियोगिता में मराठी चिरभोग को प्रथम पुरस्कार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की ओर से मानव अधिकारों पर आयोजित प्रतिष्ठित लघु फिल्म प्रतियोगिता में मराठी लघु फिल्म ‘चिरभोग’ ने बाजी मारी है। महाराष्ट्र के निलेश आंबेडकर द्वारा दिग्दर्शित इस लघु फिल्म को 2 लाख रुपये का पहला पुरस्कार हासिल हुआ है। यह फिल्म एक लड़के की कहानी और उसके अपमानजनक संघर्षों के माध्यम से समाज में जाति और व्यवसाय आधारित निरंतर भेदभाव को उजागर करती है, जब तक कि वह लड़का स्वतंत्रता, समानता, गरिमा और शिक्षा के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सिद्धांत और व्यवहार में विरोधाभासों को उजागर करने के लिए खड़े होने का फैसला नहीं करता है।
भवानी डोले ताहू की ‘इनेबल्ड’ को 1.5 लाख रुपये के द्वितीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। फिल्म, एक अलग तरह से असक्षम बच्चे की कहानी के माध्यम से दिव्यांगजनों के बारे में मानसिकता बदलने और माता-पिता द्वारा उनके पालन-पोषण में उनके जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा के अधिकारों के प्रति भेदभाव को कम करने पर जोर देती है। वहीं, टी कुमार की ‘अचम थावीर’ को 1 लाख रुपये के तृतीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह फिल्म एक छात्रा की कहानी है, जिसमें स्कूल में किसी भी तरह के अनुचित स्पर्श और यौन उत्पीड़न के बारे में छात्रों के बीच जागरुकता पैदा करने की कोशिश करती है तथा शिक्षकों के साथ-साथ स्कूल प्रशासन को इसके बारे में सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर देती है। आयोग द्वारा आयोजित 8वीं लघु फिल्म प्रतियोगिता में कुल 123 लघु फिल्में शामिल की गई थी। आयोग द्वारा आयोजित एक समारोह में विजेता फिल्मों को पुरस्कार दिया जायेगा।