प्लास्टिक पाबंदी के खिलाफ अदालत का रूख करेंगे उत्पादक

प्लास्टिक पाबंदी के खिलाफ अदालत का रूख करेंगे उत्पादक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-28 14:31 GMT
प्लास्टिक पाबंदी के खिलाफ अदालत का रूख करेंगे उत्पादक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पाबंदी के खिलाफ प्लास्टिक उत्पादक अदालत जाएंगे। आल इंडिया प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (AIPMA) ने पाबंदी को अव्यहारिक बताते हुए कहा है कि प्लास्टिक पर पाबंदी से पर्यावरण प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं होगा। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दिनों प्लास्टिक सहित थर्माकोल के इस्तेमाल, उत्पादन व वितरण पर रोक के लिए अधिसूचना जारी की है। 

AIPMA ने कहाः प्लास्टक कूड़े के निपटारे के लिए तैयार हैं हम 
AIPMA का कहना है कि इससे यह उद्योग खत्म हो जाएगा। AIPMA ने कहा कि प्लास्टिक का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के लिए विस्तृत अध्ययन किया  जाना चाहिए। इससे यह पता चल सकेगा कि प्लास्टिक के विकल्पों का पर्यावरण पर क्या असर होता है। AIPMA के अध्यक्ष हितेन भेडा ने कहा कि इस अध्ययन से यह भी पता चल सकेगा कि प्लास्टिक  से पर्यावरण पर बुरा असर नहीं पड़ रहा। उन्होंने कहा कि हम सरकार को इस बात के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं कि प्लास्टिक पर पाबंदी पर्यावरण प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं है। 

प्लास्टिक वस्तुओं के संग्रह की मुख्य समस्या 
मुख्य समस्या प्लास्टिक वस्तुओं के संग्रह की है। हम सब प्लास्टिक उत्पादक मिलकर इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। लेकिन सरकार हमारी बात सुनने को तैयार नहीं। फिर भी अभी हमें उम्मीद है कि सरकार अधिसूचना में बदलाव करेगी। हमारे पास कोई विकल्प नहीं रहा तो इस फैसल के खिलाफ अदालत जाने को मजबूर होंगे। फिक्की की तरफ  से जारी प्रपत्र के अनुसार महाराष्ट्र के आर्थिक विकास में प्लास्टिक मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी राज्य के सकल घरेलु उत्पादन में हिस्सेदारी 35 फीसदी की है।

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