ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे सड़कों के गड्ढों की लगातार हो निगरानी -   हाईकोर्ट का सुझाव 

ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे सड़कों के गड्ढों की लगातार हो निगरानी -   हाईकोर्ट का सुझाव 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-09 16:50 GMT
ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे सड़कों के गड्ढों की लगातार हो निगरानी -   हाईकोर्ट का सुझाव 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार व स्थानीय निकाय संयुक्त रुप से ऐसी कोई योजना बनाने पर विचार करे जिसके तहत नियमित अंतराल पर सड़कों के गड्ढो का मुआयना किया जा सके। अदालत ने कहा कि सड़कों के गड्ढों के संबंध में सभी पक्षकार हमें बताए कि हम कैसा निर्देश दे जिससे सड़कों के गड्ढों की समस्या का समाधान हो सके। यह समस्या हर जगह एक जैसी ही है और अदालत सभी स्थानीय निकायों को कोर्ट में नहीं सुन सकती है। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि अच्छी सड़कों पर चलना नागरिकों का मौलिक अधिकार है और ऐसी सड़के उपलब्ध कराना सरकार का वैधानिक दायित्व।

हाईकोर्ट ने सड़कों के गड्ढों से जुड़े मुद्दे का खुद संज्ञान लिया
हाईकोर्ट ने सड़कों के गड्ढों से जुड़े मुद्दे का खुद संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया है। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति पीएन देशमुख की खंडपीठ ने कहा कि क्या सरकार के पास मामले को लेकर जिला परिषद व ग्रामपंचायत को भी निर्देश जारी करने का अधिकार है। खंडपीठ ने कहा कि इस पहलू को लेकर वह हमे अगली सुनवाई के दौरान बताए। इससे पहले मामले की न्यायमित्र के रुप में पैरवी कर रहे अधिवक्ता जमशेद मिस्त्री ने कहा कि विदेशों में गड्ढो को भरने के लिए अलग तरह के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि यहां की मनपा व नपा इस मिश्रण को परखे। उन्होंने कहा कि सड़कों के गढ्डो की निगरानी को लेकर स्थानीय निकायों को प्रभावी कदम उठाना चाहिए।

सड़कों के गड्ढों की शिकायत को लेकर एप को प्रतिसाद नहीं
वहीं एक अन्य अधिवक्ता कमल खाटा ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका ने सड़कों के गड्ढों की शिकायत को लेकर जो एप बनाया है वह कारगर तरीके से काम नहीं कर रहा है। मनपा के लैंडलाइन टेलिफोन पर कॉल करने पर मनपा की ओर से कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा है। इसलिए सड़कों के गड्ढों कि शिकायत के लिए प्रभावी व सरल व्यवस्था बनानी चाहिए। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।

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