परियोजनाओं के लिए 12 हजार करोड़ तक कर्ज ले सकेगा महाराष्ट्र, केंद्र ने बढ़ाई लिमिट

परियोजनाओं के लिए 12 हजार करोड़ तक कर्ज ले सकेगा महाराष्ट्र, केंद्र ने बढ़ाई लिमिट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-02 15:08 GMT
परियोजनाओं के लिए 12 हजार करोड़ तक कर्ज ले सकेगा महाराष्ट्र, केंद्र ने बढ़ाई लिमिट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विजय सिंह ‘कौशिक’। महाराष्ट्र सरकार अपने बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अधिक कर्ज ले सकेगी। इसके लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजकोषिय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम (एफआरबीएम) के तहत इजाजत दे दी है। राजकोषीय घाटे 2.7 फीसदी से बढ़ कर 3.3 फीसदी हो गया है। इससे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार 11 हजार करोड़ की बजाय 12 हजार करोड़ रुपये तक का कर्ज ले सकेगी।

हार्बर सीलिंक और कोस्टल रोड जैसी परियोजनाएं शुरु
फिलहाल राज्य की फडणवीस सरकार ने मेट्रो रेल, मोनो रेल, मुंबई ट्रास हार्बर सीलिंक और कोस्टल रोड जैसी 1 लाख करोड़ की लागत वाली परियोजनाएं शुरु की है। इस परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को और कर्ज लेने की जरूरत है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने इस वर्ष उधार लेने की अपनी ऊपरी सीमा का उल्लंघन किया है क्योंकि उसका कर्ज 4.13 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कांग्रेस-राकांपा सरकार के दौरान ऋण स्टॉक 2.69 लाख करोड़ रुपये था जो अब दोगुनी हो गया है। इसलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने केंद्रीय वित्त मंत्री से उधार सीमा बढ़ाने के लिए अनुरोध किया था।

अधिक कर्ज क्षमता की जरूरत
वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 1 लाख करोड़ रुपए की लागत वाली इंफ्रास्टेक्चर परियोजनाएं शुरु की हैं। इसलिए अधिक कर्ज क्षमता की जरूरत है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। दरअसल उधार की ऊपरी सीमा एकत्रित राजस्व के 10 प्रतिशत से कम होनी चाहिए। हालांकि, 2015-16 में यह सीमा 13.93 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।

इस साल राजस्व घाटा खतरे की घंटी बजा रहा है। 2016-17 के बजट में अनुमानित राजस्व घाटा 3,644 करोड़ रूपए था। वित्त विभाग से  मिली जानकारी के अनुसार इस साल वास्तविक घाटा 14,377 करोड़ रूपए से अधिक हो जाएगा। वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कर्ज की क्षमता अर्थ व्यवस्था के आकार पर निर्भर करता है। कर्ज इस लिए बढ़ रहा है क्योंकि अर्थ व्यवस्था बढ़ रही है। अर्थ व्यवस्था बढ़ने के साथ ही कर्ज क्षमता भी बढ़ती है।    

Similar News