धान बेचने के लिए संघर्ष कर रहे गोबरवाही क्षेत्र के किसान

महाराष्ट्र धान बेचने के लिए संघर्ष कर रहे गोबरवाही क्षेत्र के किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-26 14:50 GMT
धान बेचने के लिए संघर्ष कर रहे गोबरवाही क्षेत्र के किसान

डिजिटल डेस्क, भंडारा। गोबरवाही अंचल में मुख्य रूप से धान की खेती की जाती है। अंचल के गांव, गोबरवाही, सीतासावंगी, सुंदरटोला, चिखला, मिटेवानी, चिचोली, नाकाडोंगरी, डोंगरी बुजुर्ग आदि गांवों में मध्यम वर्ग के किसानों की संख्या अधिक है। जिनके पास एक एकड़ से लेकर 4 एकड़ तक कृषभूमि है। कोरोना संकट से निकलने की काशिश कर रहे किसान अब अपना धान बेचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकारी धान खरीदी केंद्र शुरू नहीं होने के कारण अपनी कृषि उपज को बेचने के लिए उन्हें गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। मौसम ने करवट लेते हुए किसानों की महेनत पर पानी फेर दिया है। क्षेत्र के किसानों ने जिले सरकारी धान खरीदी केंद्र शुरू नहीं होने पर नाराजगी जताई है। सीतासावंगी ग्राम के युवा कार्यकर्ता एवं किसान रोशन भोरगडे का कहना है कि अंचल में बारिश से काफी धान पहले ही खराब हो गया है। जो किसान धान को समेट चुक हैं, उन्हें धान बेचने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। किसानों का आरोप है कि सरकारी धान खरीदी शुरू नहीं किए जाने के कारण मध्यम वर्ग के किसानों के समक्ष धान के संग्रहण की एक बड़ी समस्या है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि सरकार के उदासीन रवैये के कारण किसान औने पौने दाम में धान बेचने के लिए मजबूर हैं। यहां पर सरकारी धान खरीद केंद्र नहीं शुरू किए जाने से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर बिचौलियों को धान बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस क्षेत्र में शीघ्र समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्र शुरू किए जाने की मांग सीतासावंगी ग्राम के किसान भारत रिनायत, दुर्गा परतेती, होमलाल ढेंगे, कांताराम कालेकर, सुखराम धुर्वे, उमेश मंडलेकर, लक्ष्मण गाढ़वे, प्रदीप वाघमारे, दौलत झंझाड, राजेश मोरे, वसंत झंझाड व शिवा ढबाले द्वारा प्रशासन से की गई है। 

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