लॉक डाउन से बढ़ी रसोई गैस की खपत बढ़ी, कर्मचारियों की कमी के चलते डिलीवरी में परेशानी

लॉक डाउन से बढ़ी रसोई गैस की खपत बढ़ी, कर्मचारियों की कमी के चलते डिलीवरी में परेशानी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-26 11:37 GMT
लॉक डाउन से बढ़ी रसोई गैस की खपत बढ़ी, कर्मचारियों की कमी के चलते डिलीवरी में परेशानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉक डाउन के दौरान ढाई गुना बढ़ी रसोई गैस सिलेंडर की बुकिंग कर्मचारियों की कमी के चलते डिलीवरी में परेशान कोरोना के चलते लॉक डाउन के एलान के बाद रोजमर्रा की चीजों के साथ-साथ रसोई गैस की भी बुकिंग बेतहाशा बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिन के लॉक डाउन के एलान के अगले दिन रसोई गैस सिलेंडरों की तीन गुना बुकिंग हुई। दूसरी ओर 30 से 40 फीसदी तक कर्मचारियों की कमी के चलते वितरकों को लोगों के घरों तक सिलेंडर पहुचने में परेशानी हो रही है। आल इंडिया भारत गैस डिस्ट्रीव्यूटर फेडेरशन के अध्यक्ष कैलास दुधानी ने बताया कि मुंबई में सामान्य तौर पर होने वाली 45 हजार सिलेंडरों की बुकिंग लॉक डाउन के बाद बढ़ कर 70 हजार प्रतिदिन तक पहुच गयी। है। उन्होंने कहा कि लोग घबराहट में दूसरे सामानों की तरह रसोई गैस इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि रसोई गैस बाद में नहीं मिलेगी। जो लोग साल में 8-10 सिलेंडर ही इस्तेमाल करते थे वे भी डर के चलते और सिलेंडरों की बुकिंग कर रहे हैं। दुधानी ने कहा कि फिलहाल वितरकों के पास पर्याप्त मात्रा में गैस और सिलेंडर उपलब्ध हैं लेकिन यातायात के साधनों पर पाबंदी के चलते कर्मचारी नही पहुच पा रहे जिससे गैस पहुचाने, मरम्मत करने जैसे कामों में परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि बुकिंग के बाद नंबर के हिसाब से ही सिलेंडरों की डिलिवरी की जाती है ऐसे में संभव है कि जिनके यह वाकई सिलेंडर की जरूरत है उनके यहां यह न पहुचें और बिना जरूरत लोग अपने घरों में सिलेंडर जमा कर रखे रहें।

सरकार करें मदद

दुधानी ने बताया कि महानगर की गैस एजेंसियों के ज्यादातर कर्मचारी मीरा रोड, कल्याण जैसे इलाकों में रहते हैं। लोकल ट्रेन बंद होने और जिला बंदी जैसे कदमों के चलते इनके लिए काम पर पहुचना असंभव हो गया है। हम प्रशासन से बातचीत कर रहे है कि गैस एजेंसियो में काम करने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए पहचान पत्र जारी किए जाएं। दुधानी ने सरकार से मांग की है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की गई तरह गैस एजेंसियों में काम कर रहे लोगों को बीमा सुविधा दी जाए क्योंकि वे घर घर जाकर ज्यादा जोखिम उठा रहे हैं। अगर किसी कर्मचारी को कुछ हो जाये तो सरकार को उनके परिवार की भी जिम्मेदारी उठानी चाहिए। महानगर के पश्चिमी उपनगर अंधेरी पूर्व में गैस एजेंसी चलाने वाले दीपक सिंह बताते हैं कि कोरोना के प्रकोप के चलते लोग घरों में कैद हो गए हैं। ऐसे में रसोई गैस की मांग बढी है पर लोगों को परेशान होने की जरुरत नहीं है। पर्याप्त मात्रा में रसोई गैस उपलब्ध हैं और सिलेंडर के लिए किसी उपभोक्ता को एजेंसी तक आने की जरुरत नहीं है। सिंह ने कहा कि लॉक डाउन के चलते कर्मचारयों की कमी का सामना जरुर करना पड़ रहा है।  

आल इंडिया भारत गैस डिस्ट्रीब्यूटर फेडेरशन के अध्यक्ष कैलास दुधानी ने बताया कि आम तौर हर रोज होने वाली 45 हजार सिलेंडरों की बुकिंग लॉक डाउन के बाद बढ़ कर 70 हजार प्रतिदिन तक पहुच गयी है। लोग घबराहट में दूसरे सामानों की तरह रसोई गैस इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं 
                         
रसोई गैस एजेंसी संचालक दीपक सिंह के मुताबिक रसोई गैस की मांग बढी है पर लोगों को परेशान होने की जरुरत नहीं है। पर्याप्त मात्रा में रसोई गैस उपलब्ध है। सिलेंडर के लिए किसी उपभोक्ता को एजेंसी तक आने की जरुरत नहीं है। हमें लॉक डाउन के चलते कर्मचारयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।’
                   

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