दलित बस्ती सुधार योजना की तरह अब अन्य को भी मिलेगा अनुदान
दलित बस्ती सुधार योजना की तरह अब अन्य को भी मिलेगा अनुदान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए लागू दलित बस्ती सुधार योजना की तर्ज पर विमुक्त जाति, घुमन्तु जनजाति व विशेष पिछड़ा वर्ग की बस्तियों के उत्थान के लिए अनुदान दिया जाएगा। विभिन्न कामों के लिए 50 से 100 जनसंख्या वाली बस्तियों के लिए 4 लाख रुपए दिए जाएंगे। 101 से 150 जनसंख्या वाली बस्तियों को 6 लाख रुपए मिलेंगे। जबकि 151 से ज्यादा जनसंख्या वाली बस्तियों को 10 लाख रुपए अनुदान के रूप में दिए जाएंगे।
विमुक्त जाति, घुमन्तु जनजाति व विशेष पिछड़ा वर्ग को होगा लाभ
प्रदेश सरकार के विमुक्त जाति, घुमन्तु जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व विशेष पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरफ से जारी शासनादेश के अनुसार ग्रामीण इलाकों की इन बस्तियों में विद्युतीकरण, पीने के पानी, सड़क, नाला, शौचालय, समाज मंदिर, वाचनालय व मुख्य सड़कों से जोड़ने वाले रास्ते बनाए जाएंगे। बस्तियों के लिए ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव मिलने के बाद काम मंजूर करने का पूरा अधिकार जिलाधिकारी के पास होगा। प्रशासकीय मंजूरी राज्य सरकार के स्तर पर दी जाएगी। विभिन्न कार्यों के देखरेख व नियंत्रण के लिए तहसीलदार की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। समिति में गट विकास अधिकारी, उपअभियंता, विमुक्त जाति व विशेष पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग व सामाजिक न्याय विभाग के तहसील स्तर के अधिकारी सदस्य के रूप में काम करेंगे।
संविधानिक प्रावधान, कमजोर वर्गों में शैक्षणिक और आर्थिक हितों का ध्यान
आपको बतादें संविधान का अनुच्छेद 46 प्रावधान करता है कि राज्य समाज के कमजोर वर्गों में शैक्षणिक और आर्थिक हितों विशेषत: अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का विशेष ध्यान रखेगा। उन्हें सामाजिक अन्याय एवं सभी प्रकार के शोषण से संरक्षित रखेगा। विभिन्न क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के हितों एवं अधिकारों को संरक्षण और उन्नत करने के लिएअन्य प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। जिससे कि वे राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ने में समर्थ हो सके। उनके परिवारों का भला हो सके।