वकीलों और उनके स्टाफ को लॉकडाउन के दौरान आवागमन के लिए दी जाए छूट
वकीलों और उनके स्टाफ को लॉकडाउन के दौरान आवागमन के लिए दी जाए छूट
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने आदेशित किया है कि जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में हाईकोर्ट के वकीलों और उनके स्टाफ को लॉकडाउन के दौरान आवागमन में नहीं रोका जाए। विशेष तौर पर ऐसे समय पर जब वकीलों को तत्काल फाइलिंग या फिर वर्चुअल सुनवाई करनी हो। डिवीजन बैंच ने कहा है कि वकीलों और उनके स्टाफ के लिए संबंधित जिलों के कलेक्टर पास जारी कर सकेंगे। इस संबंध में स्थानीय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के जरिए भी जिला कलेक्टर को पास जारी करने हेतु ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन आवेदन दिया जा सकता है।
यह है मामला-
यह जनहित याचिका स्टेट बार कौंसिल के सदस्य एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य सुनील गुप्ता की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में लॉकडाउन और कोरोना कफ्र्यू का आदेश बिना सोचे समझे जारी किया गया है। इस आदेश में न्यायपालिका के महत्वपूर्ण अंग वकीलों और उनके स्टाफ के हितों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने तर्क दिया अर्जेंट मामलों की फाइलिंग या सुनवाई के लिए लॉकडाउन के दौरान आने-जाने वाले वकीलों और उनके स्टाफ पर जुर्माना और अन्य कार्रवाई की जा रही है। इसके कारण वकीलों को उनके कार्यालय का संचालन करना मुश्किल हो रहा है।
आवेदन करने पर जारी किया जाएगा पास-
राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता ए. राजेश्वर राव ने कहा कि वकीलों और उनके स्टाफ को आवेदन करने पर लॉकडाउन के दौरान आने और जाने के लिए कलेक्टरों द्वारा पास जारी किए जाएँगे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के माध्यम से भी पास के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने याचिका का निराकरण करते हुए कहा कि जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर हाईकोर्ट के वकीलों और उनके स्टाफ को लॉकडाउन के दौरान आवागमन से छूट दी जाए।