जानिए, जानकारों की नजर में पब हादसे के पीछे छिपी बड़ी वजह

जानिए, जानकारों की नजर में पब हादसे के पीछे छिपी बड़ी वजह

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-29 15:27 GMT
जानिए, जानकारों की नजर में पब हादसे के पीछे छिपी बड़ी वजह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विजय सिंह ‘कौशिक’। कभी मिलों का शहर रहे मुंबई में आज मिललैंड पर गगनचुंबी इमारते और रेस्टोरेंट-पब फैले हुए हैं। जहां कभी चिमनियां धुएं उगलती थी और मिलों के सायरन से जो इलाके गुलजार थे, आज वहां बने पबों में बड़े घरों के बच्चे रात-रात भर मौज-मस्ती करते हैं। कमला मिल कम्पाउंड के एक रेस्टोरेंट-पब में हुई अग्नि दुर्घटना के लिए जानकार सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। दरअसल मिलों की जमीन पर जो निर्माण कार्य हुए, उसमें सही प्लानिंग का अभाव रहा है। 

एलफिस्टन स्टेशन भगदड़ दुर्घटना के बाद दूसरा हादसा

हाल ही में हुए एलफिस्टन रेलवे स्टेशन भगदड़ दुर्घटना के बाद यह दूसरा हादसा है, जहां लापरवाही की वजह से लोगों की जान गई। दरअसल मिलों के बंद होने के बाद सरकार ने मिल मालिकों को इन जमीनों के विकास के लिए खुली छूट दे दी और मिल मालिकों ने इसका जमकर फायदा उठाया। मिल कामगार यूनियन के उदय भट्ट का कहना है कि मिलों की कुल जमीन में से एक तिहाई मिल मालिक को, एक तिहाई मुंबई मनपा और म्हाडा को दिया जाना था। बाद में डेवलपमेंट प्लान में बदलाव के बाद मनपा को एक तिहाई खुली जगह मिली। लेकिन मिल मालिकों को काफी लाभ हुआ। उन्होंने जमीन का व्यवसायिक इस्तेमाल किया। लेकिन मिल बंद होने से अपना रोजगार गवाने वाले श्रमिकों को कुछ नहीं मिला।

जानकारों की नजर से...

आर्किटेक और शहरी योजनाकार पंकज जोशी कहते हैं कि शहर के कुछ इलाकों का विकास जरूरी है लेकिन सरकार को सुरक्षा के लिए कड़े नियम लागू करने चाहिए। उन्होंने कहा क शहरीकरण अनिवार्य प्रक्रिया है और आप इसे रोक नहीं सकते। यदि किसी इलाके में 50 होटल हैं और सभी अच्छे चल रहे हैं तो यह नैसर्गिक विकास है। लेकिन सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए नियमों को तो कड़ाई से लागू ही कर सकती है। सरकार को यह भी देखने की जरूरत है कि अन्य शहरों की तुलना में यहां आग लगने की घटनाए और उससे मौते अधिक हो रही हैं तो क्यो?        

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