कारगिल विजय दिवस शहीदों के सर्वोच्च बलिदान व शौर्य गाथा का प्रतीक: डीएमन

भदोही कारगिल विजय दिवस शहीदों के सर्वोच्च बलिदान व शौर्य गाथा का प्रतीक: डीएमन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-06 12:55 GMT
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डिजिटल डेस्क, भदोही। "कारगिल विजय दिवस" के अवसर पर मंगलवार को जिलाधिकारी आर्यका अखौरी, पुलिस अधीक्षक डॉ.अनिल कुमार, अपर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार मिश्र ने "ऑपरेशन विजय " के अमर सपूतों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया। जिला सूचना अधिकारी डॉ.पंकज कुमार द्वारा सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान पर समर्पित पुस्तकें भेंट करते हुए सैनिकों के अप्रतिम योगदानों को रेखांकित किया। 
इस अवसर पर डीएम ने बताया कि 23 साल पहले 1999 का कारगिल युद्ध दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, जगहों में लड़े गए युद्ध में से एक है। कारगिल युद्ध भारतीय सेना के पराक्रम, शौर्य एवं सर्वोच्च बलिदान की उत्कृष्ट मिसाल है। आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने "ऑपरेशन विजय" के रूप में टाइगर हिल एवं अन्य चौकियों पर वापस कब्जा प्राप्त किया। विजय दिवस भारत की आन बान और शान का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने भदोही जनपद के शहीद परिवारजनों को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन उनके साथ सदैव खड़ी है। उन्होंने सैनिकों के बलिदान व शौर्य गाथा के प्रतिफल स्वरूप सभी जनपद वासियों से 13 से 15 अगस्त "हर घर  तिरंगा" फहराने की अपील की। एसपी ने ऑपरेशन विजय में अपने प्राणों की आहुति देने वाले साहसी सपूतों को सलाम करते हुए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कारगिल विजय दिवस हमारे सैनिकों की अप्रतिम वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। अमर शहीदों एवं उनके परिवारजनों के प्रति यह देश सदैव ऋणी रहेगा। एडीएम ने शहीदों के बहादुरी, साहस और बलिदान को सलाम करते हुए कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए कारगिल पहाड़ियों की कठिन परिस्थितियों में सैनिकों ने बहादुरी से लड़ते हुए वीरता और अदम्य समर्पण सेवा का परिचय दिया जो भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज रहेगा।

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