कमला मिल अग्निकांड : हाईकोर्ट ने कहा- जांच कमेटी को मिले जरुरी संसाधन और सुविधाएं

कमला मिल अग्निकांड : हाईकोर्ट ने कहा- जांच कमेटी को मिले जरुरी संसाधन और सुविधाएं

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-01 14:09 GMT
कमला मिल अग्निकांड : हाईकोर्ट ने कहा- जांच कमेटी को मिले जरुरी संसाधन और सुविधाएं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि कमला मिल अग्निकांड की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित होने वाली तीन सदस्यीय कमेटी को जरुरी संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए अन्यथा यह कमेटी कागज कमेटी बनकर रह जाएगी। पिछले साल कमला मिल परिसर में इलाके के मोजो ब्रिस्टो व वन अबव पब में लगी आग के चलते 14 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 30 लोग घायल हो गए थे। इस हादसे की न्यायिक जांच की मांग को लेकर पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त जूलियो रिबेरो ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी

याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस हादसे की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। कमेटी में हाईकोर्ट के पैनल से एक अर्किटेक्चर व नगर विकास विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी को सदस्य के रुप में शामिल करने को कहा गया है। गुरुवार को जस्टिस शांतनु केमकर व जस्टिस एमएस कर्णिक की बेंच के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वीनित नाईक ने तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नाम की जानकारी बेंच को दी।

तीन में किसी भी एक न्यायाधीश के नाम को सुझा सकती है बेंच

नाईक ने कहा कि बेंच तीन में किसी भी एक न्यायाधीश के नाम को सुझा सकती है। इस पर बेंच ने कहा कि सिर्फ कमेटी के गठन से काम नहीं चलेगा। उसे जरुरी संसाधन व सुविधाएं भी देनी होगी। जिसमें कार्यालय,स्टाफ,सचिव वाहन व वेतन का समावेश होना चाहिए। अन्यथा यह जांच कमेटी कागज की कमेटी बनकर रह जाएगी। इससे पहले मुंबई महानगर पालिका की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि मनपा होटलों में अग्निसुरक्षा से जुड़े नियमों का पालन हो रहा है कि नहीं इसकी जांच कर रही है।

मनपा की जांच के बाद भी कमियां

इस पर बेंच ने कहा कि मनपा की जांच के बाद भी कमियां रह जाती है, इसलिए ऐसे हादसे होते हैं। बेंच ने कहा कि सरकार तय करे कि कमेटी किन-किन पहलूओं की जांच करेगी। बेंच ने फिलहाल मामले सुनवाई 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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