डॉ. आंबेडकर के नाम सुधार में राजनीति देखना दुर्भाग्यपूर्ण - राज्यपाल राम नाईक
डॉ. आंबेडकर के नाम सुधार में राजनीति देखना दुर्भाग्यपूर्ण - राज्यपाल राम नाईक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यूपी सरकार के डॉ.भीमराव आंबेडकर के नाम में सुधार करने के फैसले में यदि किसी को राजनीति दिखती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। नाईक ने कहा कि हम समाज में काम करते समय बड़ी-बड़ी बातों पर ध्यान देते हैं लेकिन छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। यही छोटी-छोटी बातें महत्वपूर्ण होती है। उपनगर के कांदिवली में समता परिषद की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में नाईक ने कहा कि इतिहास पुरुष का नाम लिखने में गलती थी। उसे सुधारने पर कई लोगों ने आपत्ति जताई।
कुछ लोगों ने राजनीति करने की कोशिश की। लेकिन सत्य को नकारा नहीं जा सकता है। नाईक ने कहा कि मैंने देखा कि उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर डॉ. आंबेडकर का नाम गलत लिखा हुआ है। जब मुझे आगरा स्थित डॉ. आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति दीक्षांत समारोह में आमंत्रित करने के लिए आए तो विश्वविद्यालय के निमंत्रण पत्र पर नाम डॉक्टर भीमराव आंबेडकर लिखा था।
हस्ताक्षर में भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा
नाईक ने कहा कि मैंने कुलपति से कहा कि यह गलत है, तो उन्हें यह विश्वास नहीं हुआ। कुलपति ने मुझसे कहा कि यदि नाम गलत है तो उसमें सुधार के लिए विधेयक पारित करना होगा। क्योंकि शायद कानून में ही नाम गलत लिखा है। फिर मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से डॉ. आंबेडकर का नाम सही लिखने और आवश्यक कानून में सुधार की मांग की। नाईक ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के सामने भारतीय संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर प्रस्तुत किया। जिसमें बाबासाहब ने खुद अपने हाथों से हस्ताक्षर किया है। जिसमें भीमराव रामजी आंबेडकर लिखा है।