सिंचाई घोटाला प्रकरण : अजित पवार को क्लीन चिट देने पर एसीबी मुश्किल में पड़ी
सिंचाई घोटाला प्रकरण : अजित पवार को क्लीन चिट देने पर एसीबी मुश्किल में पड़ी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट देने पर एसीबी इन दिनों मुश्किल में नजर आ रही है। एसीबी बार-बार अपनी भूमिका बदल रही है। पवार को क्लीन चिट देने के बाद अपने निर्णय पर मजबूती से खड़ी एसीबी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अतिरिक्त शपथ-पत्र दायर कर अपनी एक बड़ी गलती स्वीकार की है।
नवंबर 2018 में सिंचाई घोटाले में अजित पवार की भूमिका बताते वक्त तत्कालीन एसीबी महासंचालक संजय बर्वे के पास कोई दस्तावेज या जांच रिपोर्ट नहीं थी, मौजूदा एसीबी महासंचालक परमबीर सिंह का यह दावा पूरी तरह गलत है। सिंह ने स्वयं हाईकोर्ट में शपथ-पत्र दायर कर अपनी गलती स्वीकार की है। उन्होंने शपथ-पत्र में सफाई दी है कि पवार की लिप्तता बताते वक्त तत्कालीन महासंचालक बर्वे के पास दस्तावेज और जांच रिपोर्ट थी। लेकिन सिंह का इस तथ्य पर ध्यान नहीं गया और उन्होंने हाईकोर्ट में प्रस्तुत अपनी शपथ-पत्र में कोर्ट को गलत जानकारी दे दी। इसके लिए अब परमबीर सिंह ने माफी मांगी है।
क्लीन चिट पर सफाई दी
9 दिसंबर 2019 को याचिकाकर्ता अतुल जगताप ने एसीबी पर अविश्वास जताते हुए प्रकरण की जांच सीबीआई या ईडी को सौंपने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की। 19 दिसंबर 2019 के अपने शपथ-पत्र में एसीबी महासंचालक परमबीर सिंह ने इस पर शपथ-पत्र दायर किया और पवार को क्लीन चिट देने पर अड़े रहे। इस शपथ-पत्र में यहां तक कहा गया कि 26 नवंबर 2018 का तत्कालीन एसीबी महासंचालक का शपथ-पत्र तैयार करते वक्त एसीबी के पास सारे दस्तावेज और जांच रिपोर्ट मौजूद नहीं थी। अब 21 दिसंबर 2019 के अपने नए शपथ-पत्र में महासंचालक परमबीर सिंह ने 19 दिसंबर के अपने शपथ-पत्र में एक बड़ी गलती होने की बात स्वीकारी है। अतिरिक्त शपथ-पत्र में सफाई दी है कि 26 नवंबर 2018 का शपथ-पत्र तैयार करते वक्त तत्कालीन एसीबी महासंचालक के पास अमरावती एसीबी अधीक्षक की एक रिपोर्ट मौजूद थी, जिसके साथ वीआईडसी का पत्र भी जुड़ा था और नागपुर खंडपीठ ने उस वक्त एसीबी को जांच जारी रखने के भी आदेश दिए थे।
पवार को घोटाले में शामिल बताया था
26 नवंबर 2018 को एसबी के तत्कालीन महासंचालक ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर कर, सिंचाई घोटाले में अजित पवार की लिप्तता होने का अंदेशा जताया था, इस पर हाईकोर्ट ने एसीबी को जांच जारी रखने के आदेश दिए थे। 27 नवंबर 2019 को एसीबी ने हाईकोर्ट में शपथ-पत्र प्रस्तुत किया और सिंचाई घोटाले के तहत 12 प्रकल्पों की जांच में अजित पवार को क्लीन चिट दे दी। कहा कि उनकी इस प्रकरण में कोई लिप्तता सिद्ध नहीं हो सकी है।