दस्तावेजों के सत्यापन में जुटी इंकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग
सतना दस्तावेजों के सत्यापन में जुटी इंकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग
डिजिटल डेस्क, सतना।जिला मुख्यालय समेत जिले में करोड़ों की बेनामी अचल संपत्तियों की जांच के लिए राजधानी भोपाल से यहां आई इंकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग की पड़ताल सातवें दिन भी जारी रही। एहतियाती तौर पर जांच दल ने हालांकि अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, मगर भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक जांच के दायरे में बड़ा सवाल यह है कि जिला मुख्यालय के बदखर, पतेरी,उमरी और डिलौरा के अलावा छींदा तथा सितपुरा में १० साल के अंदर एक ही परिवार के लगभग १५ सदस्यों के स्वामित्व में २०० एकड़ से भी ज्यादा कृषि योग्य भूमि कैसे आई?
पेमेंट क्या कैश मोड पर :——-
इन भूमियों के विक्रेताओं के अब तक के दर्ज बयानों से यह स्थिति भी तकरीबन साफ हो चुकी है कि भूमि के मूल्य का अधिकतम भुगतान कैश मोड पर किया गया था? जांच दल नकद राशि के इन्हीं स्त्रोतों की जांच कर रहा है। भूमि भवन संबंधी रिकार्डों के सत्यापन के साथ इंकम टैक्र्स रिटर्न और बैंक ट्रांजेक्शन भी जांच के दायरे में हैं? सूत्रों ने बताया कि इंकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग ने पुख्ता शिकायतों के आधार पर जांच शुरु की है। सभी प्रश्नाधीन भूमि एवं भवनों के समस्त अभिलेखों के पुलिंदों का एक-एक पन्ना पलटा जा रहा है। बुधवार को भाजपा नेता की एक बार फिर से आयकर भवन में क्लास लगी। पूछताछ भी लंबी चली।
बयानों की वीडियो ग्राफी भी :—-
इन्हीं सूत्रों ने बताया कि इंकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग ने बुधवार को खरीददारों में शामिल बीजेपी नेता के अलावा पतेरी, उमरी, बदखर, डिलौरा, छींदा, बरहा, खम्हरिया और सितपुरा से जुड़े लगभग एक दर्जन विक्रेताओं के बयान न केवल कलमबंद किए बल्कि उनके बयानों की वीडियोग्राफी भी कराई। बयान कर्ताओं में एक महिला भी शामिल थी। जानकारों ने बताया कि बदखर, डिलौरा, पतेरी और उमरी की जमीनों की खरीद फरोख्त के मामले में विगत वर्ष अर्से तक कलेक्टर बंगले की ड्यूटी बजा चुके एक बहुचर्चित पटवारी की गर्दन भी फंस हुई है। जांच दल ने बरहा में ४-५ साल पहले रहस्यमयी अंदाज में खरीदी गई लगभग ८-१० एकड़ भूमि की भी वीडियोग्राफी कराई है।