जेल की स्थिति नहीं सुधरने पर HC नाराज, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

जेल की स्थिति नहीं सुधरने पर HC नाराज, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-15 13:16 GMT
जेल की स्थिति नहीं सुधरने पर HC नाराज, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से पूछा है कि अब तक जेल की स्थिति सुधराने को लेकर अदालत की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन क्यों नहीं हो पाया है। हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को इस संबंध में 6 जनवरी तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति एमएस सोनक की खंडपीठ ने मुख्य सचिव को अपने हलफनामे में स्पष्ट करने को कहा है कि आखिर वे कौन से कारण है जिसके चलते जेल की स्थिति सुधारने के संबंध में हाईकोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश का पालन नहीं हो रहा है। 

सरकार को कोर्ट के निर्देश

हाईकोर्ट ने 1 मार्च 2017 को सरकार को निर्देश दिया था कि राज्य की सभी जेलों में पर्याप्त शौचालय और स्नानघर बनाए जाएं। इसके साथ ही राज्य में अतिरिक्त जेलों का निर्माण किया जाए। साथ ही इस संभावना का भी पता लगाया जाए कि क्या मौजूदा जेलों में अतिरिक्त निर्माण किया जा सकता है। ताकि जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों को न रखा जाए। अदालत ने सरकार को इस संबंध में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का भी निर्देश दिया था। जेल में बुनियादि सुविधाओं के अभाव को आधार बनाकर जन अदालत नामक गैर सरकारी संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार को जेलों की स्थिति सुधारने को लेकर कई निर्देश दिए है। इन निर्देशों के लागू न होने से नाराज खंडपीठ ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि कमेटी के गठन के अलावा सरकार ने मुश्किल से किसी निर्देश का पालन किया है। इसलिए हम अब राज्य के मुख्य सचिव से इसकी वजह जानना चाहते है। 

सरकारी वकील की दलील

इससे पहले सहायक सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने कहा कि सरकार अदालत के सभी निर्देशों का पालन करेगी। सरकार को थोड़ा वक्त दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ जेलों में काम शुरु करने के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई है,लेकिन काम नहीं शुरु हो पाया है। इस दौरान उन्होंने कमेटी की ओर से तैयार की गई एक अंतरिम रिपोर्ट भी खंडपीठ के सामने पेश की। रिपोर्ट पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि कमेटी ने सकारात्मक कदम उठाए है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 6 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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