औद्योगिकीकरण राज्य की आर्थिक सेहत के लिए जरुरी- नागरिकों की सेहत भी समान महत्वपूर्ण - लोकायुक्त
जल व वायु प्रदूषण से जुड़ा मामला औद्योगिकीकरण राज्य की आर्थिक सेहत के लिए जरुरी- नागरिकों की सेहत भी समान महत्वपूर्ण - लोकायुक्त
डिजिटल डेस्क, मुंबई। औद्योगिकीकरण राज्य की आर्थिक सेहत के लिए जरुरी है लेकिन यह देखना भी आवश्यक है औद्योगिक इकाइयों से निकलनेवाला अपशिष्ट व रसायन जल व वायु प्रदूषण का कारण न बने। क्योंकि राज्य के नागरिकों की सेहत भी समान रुप से महत्वपूर्ण है। राज्य के लोकायुक्त व हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति वीएन कानडे ने जल व वायु प्रदूषण से जुड़े मुद्दे को लेकर दिए अपने एक आदेश में उपरोक्त बात कही हैं।लोकायुक्त ने महानगर से सटे ठाणे जिले के डोंबीवली व कल्याण इलाके में कपड़े व केमिकल से जुड़ी औद्योगिक इकाईयों के कारण इलाके में तेजी से फैल रहे जल व वायु प्रदूषण से जुड़े मुद्दे का स्वयं संज्ञान लिया है। क्योंकि मामले से जुड़े शिकायतकर्ता की छवि साफ-सुथरी नजर नहीं आ रही थी।लोकायुक्त कानडे के सामने महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल के अधिकारियों ने इलाके में औद्योगिक इकाईयों के बारे में व उन्हें उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। एमआईडीसी के अधिकारियों ने बताया कि ठाणे जिले में आनेवाले डोंबीवली इलाके में कपडा व केमिकल से जुड़ी औद्योगिक इकाईयां है। जिन्हें सीईटीपी(कॉमन इन्फ्लूएंट ट्रिटमेंट प्लांट) उपलब्ध कराया गया है। एमआईडीसी केमिकल इकाइयों के सीईटीपी की क्षमता को बढाने पर भी विचार कर रही है। इलाके में औद्योगिक इकाईयों के दो एसोसिएशन है। जिनका जिम्मा है कि वे सुनिश्चित करे कि उनके सदस्य अपनी औद्योगिक इकाईयों से जल व वायु प्रदूषण न फैलाए। एमआईडीसी के अधिकारियों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे। इसके लिए उन्हें थोड़ा समय दिया जाए। इस दौरान महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(एमपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा कि हम इलाके की औद्योगिक इकाईयों पर लगातार नजर रखते है और समय-समय पर उनका परीक्षण भी करते है।
एमआईडीसी अधिकारियों व एमपीसीबी के अधिकारियों की बातों को सुनने के बाद लोकायुक्त कानडे ने कहा कि औद्योगिकीकरण राज्य की आर्थिक सेहत के लिए जरुरी है लेकिन यह देखना भी आवश्यक है औद्योगिक इकाईयों से निकलनेवाला अपशिष्ट व रसायन जल व वायु प्रदूषण का कारण न बने। क्योंकि राज्य के नागरिकों की सेहत भी समान रुप से महत्वपूर्ण है। लोकायुक्त कानडे ने कहा कि प्रदेश के सतत विकास को सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है लेकिन यह देखना आवश्यक है कि औद्योगिक इकाईयों से निकलनेवाले अपशिष्ट पर्यावरण संरक्षण अधिनियम द्वारा तय किए गए सामन्य मापदंडो के अनुरुप हो। इसलिए एमपीसीबी ऐसी एजेंसी मदद ले जो औद्योगिक इकाइयों से निकलनेवाले अपशिष्टों की जांच करती हो। इसके बाद एमपीसीबी अपनी रिपोर्ट हमारे सामने पेश करें। ताकि यह पता चल सके कि औद्योगिक इकाईयां अपशिष्ट को लेकर तय मापदंडो का पालन करती है कि नहीं। लोकायुक्त ने औद्योगिक इकाईयों के दो संगठनों को नोटिस भी जारी किया है। लोकायुक्त ने इस मामले मे ठाणे जिलाधिकारी से भी रिपोर्ट मंगाई है। जबकि एमपीसीबी को निर्देश दिया है कि नियमों का उल्लंघन करनेवाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ वह कार्रवाई भी करें। लोकायुक्त ने अब इस मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को रखी है।