हाईकोर्ट ने कहा- घर नहीं दे सकती तो बेघर लोगों को पैसे दे सरकार

हाईकोर्ट ने कहा- घर नहीं दे सकती तो बेघर लोगों को पैसे दे सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-27 12:41 GMT
हाईकोर्ट ने कहा- घर नहीं दे सकती तो बेघर लोगों को पैसे दे सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार यदि तोड़क कार्रवाई के चलते बेघर हुए लोगों को घर नहीं दे सकती है तो ऐसे लोगों को वह पर्याप्त रकम दे ताकि वे अपने लिए मकान तलाश सके। हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को इस पहलू पर उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया है। मामला मुंबई की तानसा पाइप लाइन किनारे बने झोपड़ों को तोड़क कार्रवाई के दौरान गिराने का है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव को कहा था कि वे तोड़क कार्रवाई के चलते प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए जगह की तलाश करे। ताकि उन्हें वहां पुनर्वासित किया जा सके।

मुख्य सचिव ने हलफनामा दायर कर जताई असमर्थता
शुक्रवार को जब यह मामला जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच के सामने सुनवाई के लिए अाया तो राज्य के मुख्य सचिव ने हलफनामा दायर कर जमीन खोजने में असमर्थता जाहिर की। हलफनामे पर गौर करने के बाद बेंच ने खिन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि फिलहाल सरकार बेघर लोगों को घर देने को लेकर तत्काल कोई समाधान नहीं निकाल पा रही है। ऐसी स्थिति में हम एक ही आदेश दे सकते है कि यदि सरकार बेघर लोगों को मकान नहीं दे पा रही है, तो उन्हें पर्याप्त रकम प्रदान करे की वे अपने लिए मुंबई के दूसरे हिस्से में मकान तलाश सकें।

प्रदूषण को देखते हुए जाने को तैयार नहीं लोग
कोर्ट ने कहा कि हम चाहते है कि राज्य के मुख्य सचिव इस पहलू पर विचार करे और प्रकरण की अगली सुनवाई के दौरान हलफनामा दायर करें। सरकार ने पहले तोड़क कार्रवाई के चलते प्रभावित होनेवाले लोगों को महानगर के माहुल इलाके में तैयारी की थी, लेकिन लोग माहुल में रिफाइनरी के चलते होनेवाले प्रदूषण को देखते हुए वहां जाने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि सुरक्षा के नजरिए से पाइपलाइन के किनारे बने झोपड़ों को गिराया गया है। 

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