कोई नागरिक गलती बताए तो सरकार उसका स्वागत करे-हाईकोर्ट

 कोई नागरिक गलती बताए तो सरकार उसका स्वागत करे-हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-15 13:55 GMT
 कोई नागरिक गलती बताए तो सरकार उसका स्वागत करे-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई नागरिक सरकार की गलतियों को दर्शाता है तो राज्य सरकार को न सिर्फ उसका स्वागत करना चाहिए। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता संजय लाखे पाटील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार को यह नसीहत दी है। याचिका में मुख्य रुप से आपदा प्रबंधन कानून 2005 को लागू करने में सरकार की विफलता को उजागर किया गया है। साथ ही दावा किया गया है कि यदि इस कानून को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए तो राज्य में सूखे और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी तरीक से निपटा जा सकता है। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति एमएस सोनक की खंडपीठ के सामने पाटील ने कहा कि सात साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुंबई व उपनगर के लिए न तो अब तक आपदा प्रबंधन की कमेटी का गठन किया है और न ही कोई योजना तैयार की है। इसके अलावा सरकार ने आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार ने जो नीति घोषित की है। उसमे विदर्भ का जिक्र ही नहीं है। 

जनवरी के पहले हफ्ते में गठित होगी आपदा प्रबंधन कमेटी

इस पर सरकारी वकील अभिनंदन व्यज्ञानी ने ऐतराज जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता शब्दों का हेरफेर कर अदालत को जानकारी दे रहे हैं। हम आपदा प्रबंधन के लिए मुंबई मनपा से सहयोग ले रहे हैं। जहां तक बात आपदा प्रबंधन से जुड़ी नीति की है तो हमने उसमें विदर्भ को शामिल किया है। इससे नाराज खंडपीठ ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून 2005 में मुंबई के लिए आपदा प्रबंधन कमेटी बनाने के लिए प्रावधान किया गया है। यदि सरकार को महसूस होता है कि मुंबई महानगरपालिका काम देखेगी, तो वह संसद में जाए और कानून में संशोधन कराए। याचिकाकर्ता की बात का जिक्र करते हुए खंडपीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार विदर्भ को भूल गई है।

स्वागत करें न की विरोधी रुख अपनाएं

खंडपीठ ने कहा कि यदि कोई नागरिक सरकार को उसकी गलतियों को दिखाता है तो अच्छी भावना के साथ उसका स्वागत करना चाहिए न की विरोधी रुख अपनाना चाहिए। खास तौर से ऐसी याचिका में तो बिल्कुल नहीं। खंडपीठ की इस बात को सुनने के बाद सरकारी वकील ने कहा कि मुंबई के लिए जनवरी के पहले सप्ताह में आपदा प्रबंधन कमेटी का गठन कर दिया जाएगा। जबकि 6 सप्ताह के भीतर आपदा प्रबंधन की योजना तैयार की जाएगी। 
 

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