दहेज नही दिया तो जेठ ने किया बहू से जबदस्ती का प्रयास, 5 के खिलाफ केस दर्ज
दहेज नही दिया तो जेठ ने किया बहू से जबदस्ती का प्रयास, 5 के खिलाफ केस दर्ज
डिजिटल डेस्क,नागपुर। एमआईडीसी थाने में वर्धा के एक ही परिवार की दो महिला समेत पांच सदस्यों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोप है कि दहेज प्रताड़ना के चलते जेठ ने बहू से छेड़छाड़ कर उसे जान से मारने की धमकी दी है। आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है। जानकारी के अनुसार नागपुर के एमआईड़ीसी औद्योगिक परिसर निवासी 23 वर्षीय पीड़िता की सामाजिक रीतिरिवाज के अनुसार वर्धा निवासी सुरेश पालीवाल से चार वर्ष पहले शादी हुई। सुरेश और उसका परिवार खेती किसानी करता है,जबकि विवाहिता के माता-पिता औद्योगिक परिसर में चाय की दुकान चलाते हैं।
दर्ज शिकायत के अनुसार शादी के कुछ दिनों बाद ही पीड़िता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। आखिरकार पीड़िता की तकलीफ देखकर उसके पिता ने 1 अक्टूबर 2015 से 20 सितंबर 2019 के बीच में सुरेश और उसके परिवार के सदस्यों को कभी 25 तो कभी 50 हजार रुपए दिए भी। इसके बावजूद दिन ब दिन उनकी मांग बढ़ती ही गई। इसके लिए पीड़िता को पहले से ज्यादा प्रताड़ित किया जाने लगा। घटित प्रकरण के दौरान सुरेश का बड़ा भाई एवं पीड़िता का जेठ गोविंद पालीवाल ने कमरे में बंद कर उसके साथ जबरस्ती करने की कोशिश की। इस बीच पीड़िता द्वारा शोर शराबा करने से पीड़िता सुरेश के चंगुल से भाग निकलने में सफल हुई। यह बात परिवार के सभी सदस्यों को पता है।
परिवार की बदनामी से बचने के लिए घटित प्रकरण की जानकारी किसी अन्य व्यक्ति को बताने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी गई। बरसों से दहेज प्रताड़ना का शिकार हो रही पीड़िता ने आखिरकार संबंधित स्थानीय पुलिस थाने में इसकी शिकायत की, लेकिन घरेलू विवाद बताकर पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। आखिकार त्रस्त हुई विवाहिता पिता के घर नागपुर आ गई। पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से मिली। प्रकरण की गंभीरता से आखिरकार साेमवार की रात विवाहिता के पति सुरेश पालीवाल समेत गोविंद पालीवाल,राधा पालीवाल, दुर्गादास पालीवाल और विमल पालीवाल सभी वर्धा निवासियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
गर्भ में ही बेटे की मृत्यु के बाद प्रताड़ना बढ़ गई
बताया जाता है कि विवाहिता को एक बेटा हुआ,लेकिन वह मां के ही पेट में मर गया। इस घटना के बाद प्रताड़ना का दौर और बढ़ गया था। इसके बाद पीड़िता को संतान प्राप्ति नही हुई। इस कारण भी उसे प्रताड़ित किया जाने लगा था।